बॉलीवुड सुपरस्टार अभिषेक बच्चन और बेहतरीन अदाकारा चित्रागंदा सिंह की फिल्म बॉब बिस्वास जनता के बीच आ चुकी है. फिल्म में अभिषेक बच्चन ने एक सुपारी किलर का रोल निभाया है, जिसमें उनकी नेचुरल और सीरियस एक्टिंग ने दर्शकों को पिक्चर से बांधे रहने पर मजबूर करती है. हम यह कह सकते हैं कि ‘बॉब बिस्वास’ भी उसी तरह की एक फिल्म कही जा सकती है, जैसी ‘गुरु’ थी. हम आपको बता दें कि अभिषेक बच्चन की सबसे कामयाब फिल्मों में से एक गुरु में उनकी एक्टिंग का लोहा सभी ने माना था. ‘बॉब बिस्वास’ ने एक बार फिर उसकी यादें ताजा कर दी हैं. हम यहां आपको वो 5 वजहें जिनसे ‘बॉब बिस्वास’ को देखना चाहिए-
फिल्म की कहानी
हम आपको बता दें कि बॉब बिश्वास की कहानी मशहूर एक्ट्रेस विद्या बालान की फिल्म ‘कहानी’ से जुड़ती है. जिसमें सुपारी किलर बॉब बिश्वास का रोल बंगाली एक्टर शाश्वत चटर्जी ने बखूबी निभाया था. यही एक मुख्य वजह थी कि डायरेक्टर सुजॉय घोष ने इस किरदार को लेकर ही एक फिल्म बना दी. आप बता देंफिल्म की कहानी का मुख्य किरदार बॉब बिस्वास (अभिषेक बच्चन) है, जो कि एक सुपारी किलर है. बॉब बिस्बास की फैमिली में बीवी मैरी और दो बच्चे हैं.
डायरेक्टर सुजॉय घोष के डायरेक्शन में बनी फिल्म के छोटे-छोटे सीन में भी रियलिटी की झलक मिलती है. इस मूवी में एक भी गाना नहीं दिखेगा, लेकिन फिर भी फिल्म की कहानी ऐसी है जो पूरे समय लोगों को बांधे रखती है. अगर आप एक सीरियस और थ्रिलर फिल्म के शौकीन हैं तो बॉब बिस्वास आपको कभी निराश नहीं करेगी.
बॉब यानी अभिषेक बच्चन की एक्टिंग :
इसी कड़ी में आगे हम आपको बता दें कि फिल्म में अभिषेक बच्चन की एक्टिंग आपका दिल जीत लेगी. अभिषेक एक बार फिर ‘बिग बुल’ यानी फिल्म गुरु की तरह इसमें भी जवानी से लेकर एक बुजुर्ग शख्स के किरदार में जान डाल देते हैं. गुरु की तरह ही इस फिल्म में भी अभिषेक बच्चन ने बेहतरीन एक्टिंग की है. उनकी एक्टिंग से इस किरदार में और ज्यादा गहराई नजर आती है. यही वजह है कि कि यह फिल्म बिना एक गाने के भी दर्शकों को अंतिम तक बांधे रखती है.
बॉब का रहस्यमयी किरदार :
इस पिक्चर में अभिषेक बच्चन की कहानी हॉस्पिटल से ही शुरू होती है, जो एक्सीडेंट के बाद 8 साल कोमा में रहकर अपनी याददाश्त खो देते हैं, लेकिन परिवार से प्यार और पैसे की जरुरत एक बार फिर उन्हें बॉब बिश्वास को साइलेंट सुपारी किलर बना देती है. इसके बाद कोलकाता में एक के बाद एक लाशें गिरने लगती हैं, लेकिन किसी को पता नहीं चलता कि आखिर इन हत्याओं के पीछे कौन है, क्योंकि बॉब तो खुद को अपने पुराने जॉब एलआईसी एजेंट के तौर पर दिखाता है.
एक्शन और सस्पेंस एक साथ :
इस पूरे फिल्म बॉब बिस्वास की 2 घंटे 12 मिनट की कहानी कुल मिलाकर अच्छी है. फिल्म में दर्शकों को सस्पेंस के साथ ही एक्शन भी देखने को मिलता है. इसके अलावा दर्शकों को प्रोस्थेटिक मेकअप और हेयरस्टाइल ने भी फिल्म के साथ बांधे रखा था और अभिषेक बच्चन के किरदार को जीवंत रखा था.