कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएट भिखारी, यूपी के बनारस के अस्सी घाट पर भीख मांगने को मजबूर हैं आज स्वाती

आज के इस आधुनिक युग में सभी अच्छी तरीके से शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं क्योंकि अच्छी तकनीक सीखना चाहते हैं और कंप्यूटर ऑपरेट करना चाहते हैं और इन सब के माध्यम से अंत में एक बेहतर जो प्राप्त कर अपने सुख शांति से जीवन को जीना चाहते हैं लेकिन तमाम तकनीकी शिक्षा भी ग्रहण करने के बाद भी अगर आपको जोक नहीं मिलती और जीवन यापन के लिए आप भीख मांगने पर मजबूर हो जाते हैं तो कैसी स्थिति उत्पन्न होगी?

इन सभी स्थिति की कल्पना मात्र से ही रूह कांप जाती है लेकिन यह मामला सच में ही गठित हो गया है दरअसल उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट महिला अस्सी घाट पर भीख मांगने को मजबूर है! इस महिला को ना केवल कंप्यूटर ऑपरेट करना आता है बल्कि वह अच्छी इंग्लिश भी जानती हैं हैं वही अच्छी कंपनी में जॉब भी करना चाहती हैं लेकिन उसके बावजूद भी उसको नौकरी नहीं मिलती है और उसको भी मांगने पर मजबूर होना पड़ता है!

आखिर कौन है जिम्मेदार? वह महिला जिसने कंप्यूटर से डिग्री की है या फिर वह समाज जिसमें इतनी जनसंख्या हो गई है कि वहां एक आम भारतीय को गुजर-बसर करना कठिन हो रहा है या वह सरकार जो समय रहते नौकरी का अवसर या रोजगार प्रदान नहीं कर पा रही है!

अभी जो हम आपको बताने जा रहे हैं वह एक लाचार महिला की कहानी है जो शायद इस सिस्टम पर सवाल भी खड़ा कर देते हैं इस महिला का नाम स्वाति हैं वह बनारस के अस्सी घाट पर भीख मांगने का कार्य करती है लेकिन यह काम भी वह प्रतिदिन पूरी निष्ठा के साथ करती है यानी कि प्रतिदिन अपने समय से स्थान पर बैठ जाती हैं और दैनिक तरीके से भीख मांगने का कार्य करती है!

वही पिछले 3 सालों से लगातार भीख मांगने वाली स्वाति पिछले दिन की तरह ही भीख मांग रही थी ऐसे में उस समय वहां पर बीएचयू में पढ़ने वाले छात्र अवनीश पहुंचे उन्होंने भी के रूप में उन्हें कुछ पैसे दे देना चाहा लेकिन स्वाति ने उसको स्वीकार नहीं किया और बोली हमें भीख में पैसे नहीं नौकरी चाहिए उसके बाद अवनीश ने स्वाति का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसकी समस्या को फेसबुक पर लिख कर डाल दिया!

ऐसे में उन्होंने फेसबुक पर इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा कि अस्सी घाट पर रह रही है महिला स्वाति है जो कि कंप्यूटर साइंस से स्नातक है वही एक बच्चे को जन्म देने के बाद उनके शरीर का दाहिना हिस्सा तय हो गया है यह 3 साल पहले वाराणसी आई थी और यही रह रही है वह मानसिक रूप से स्वस्थ है परंतु शरीर के दाहिने हिस्से में लाचारी बस घाटों पर ही रहती है! इन्हें रिहैब की नही अपितु आर्थिक सहायता की आवश्यकता है जो निरंतर हो! इन्होंने मुझसे पैसे नही चाहिये पर कहा मुझे कोई काम दिलाओ! स्वाती टाइपिंग कर सकती है और कम्प्यूटर सम्बन्धी अन्य कार्य भी! अंग्रेजी फर्राटेदार है और शानदार व्यवहार! स्वाती बेहतर जिंदगी की हकदार है ,कोशिश करिये आप सभी और हम स्वाती की मदद करिये!

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