Yogi Adityanath told SP chief ‘Abbajan’: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव को ‘अब्बाजान’ कहने पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री, एसपी अध्यक्ष और मुलायम के बेटे अखिलेश यादव ने सीएम पर सीधा हमला बोला. अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री किसी और भाषा को जानते हैं. गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए बयान में मुलायम सिंह यादव को इशारों में अखिलेश का ‘अब्बाजान’ कह दिया था.
आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा, ‘हमारा आपका झगड़ा मुद्दों को लेकर हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी भाषा पर संतुलन रखना चाहिए, वरना वह भी अपने पिताजी के लिए उसी तरह की भाषा सुनने के लिए तैयार रहें, जैसा वह मेरे पिताजी के लिए बोले हैं. ‘
‘सरकार अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही
सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा, ‘किसानों ने अपनी कीमती जमीन दी है. अब वह लगातार आंदोलन कर रहा है. किसान सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. पर हम किसानों के साथ है. आज सरकार ने किसानों की कमर तोड़ दी है. सरकार किसानों की जमीन कब्जाना चाहती है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र से किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. उस वादे का क्या हुआ, आज तक जवाब नहीं आया. इसी तरह से बीजेपी ने हर जिले में दूध परक्योरमेंट वादा किया था. एसपी सरकार में अमूल के दो प्लांट लगवाए गए थे, लेकिन उसमें यूपी के किसानों का दूध नहीं लिया जा रहा है. बीजेपी सरकार ने डेयरी के क्षेत्र में कोई काम नहीं किया.’
मुलायम सिंह यादव को अब्बा कहे जाने पर अखिलेश यादव की नाराजगी पर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘पिता के लिए कहे जाने वाले आदरसूचक संबोधन शब्द ‘अब्बा’ से आखिरकार सपा मुखिया को इतनी नफरत क्यों है? उनको इस शब्द से मिर्ची नहीं लगनी चाहिए. यह शब्द तो तहजीब का प्रतीक है.’ कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा है कि अखिलेश को अपने नजरिए और सोच को बदलने के साथ बातों को समझने और उनका सही अर्थ निकालने की जरूरत है.
कैबिनेट मंत्री ने कहा, ‘बिना सोचे-समझे कुछ भी बोलने वालों के मुंह से भाषा में संतुलन की बात हजम नहीं होती है. ड्राइंग रूम में बैठकर ट्वीट करने वालों को अब भाषा में भी दोष नजर आने लगा है. बीजेपी की बढ़ती ताकत और जनाधार सपाइयों को रास नहीं आ रहा है. वे सब सहमे हुए हैं इसलिए आदरसूचक और सम्मानजनक शब्दों की पहचान करना भी भूल गए हैं.
अखिलेश यादव के इस बयान के योगी आदित्यनाथ कोई पलटवार करते है कि नही यह देखना दिलचस्प होगा.