India is preparing to take back Aksai China: पिछले साल जून में लद्दाख (Ladakh) में शुरू हुआ चीन के साथ गतिरोध भारत का अब तक रुका नहीं है. दोनों पक्षों की तरफ से बातचीत के बाद तो सामने आती है लेकिन तनाव कम होता हुआ नहीं दिख रहा है. अब एक खबर निकल कर सामने आई है कि भारत लद्दाख में चार एयरपोर्ट और 37 हेलीपैड का निर्माण करेगा.
अब ऐसा लगता है कि मानो भारत ने अक्साई चीन को वापस लेने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है.आर्टिकल 370 को हटाने और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने को लेकर जब सदन में चर्चा हो रही, उस वक्त गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने स्पष्ट कहा था कि अक्साई चिन भारत का हिस्सा है और उसके लिए जान भी दे देंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने लद्दाख क्षेत्र में हवाई संपर्क को बढ़ावा देने का काम शुरू कर दिया है, जिससे की सेना की आवाजाही बड़ी संख्या में हो सके. चीन के साथ सटी सीमा रेखा को ध्यान में रखते हुए लद्दाख में 4 नए हवाई अड्डे और 37 हेलीपैड बनाने की योजना बनाई जा रही है.
गौरतलब है कि ये नए हवाई संपर्क न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगे बल्कि सशस्त्र बलों के लिए महत्वपूर्ण एसेट के रूप में भी काम करेंगे. साथ ही साथ प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित राहत देने के काम भी आयेंगे. इसके साथ ही रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इन नए निर्माणों से अक्साई चिन पर नजर रखना और भी आसान हो जायेगा.
व्हाट्स अलग है कि चीन (China) ने भी सीमा के उस पार अपनी हरकतों को बढ़ा दिया है. चीन तिब्बत के इलाके में अपने एयरबेस को लगातार बढ़ाने में लगा हुआ है. ड्रैगन एयर फ़ील्ड्स की मरमत के साथ-साथ अत्याधुनिकीकरण का भी काम कर रहा है. इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो छोटे-मोटे एयरस्ट्रिप्स को भी सेना के जंगी हवाई जहाजों और मिलिट्री उपकरण को ढोने वाले बड़े विमानों को उतारने वाले रनवे में तब्दील किया जा रहा है.
यही वजह है कि अब भारत में भी नए एयरपोर्ट और हेलीपैड का निर्माण कर चीन को कड़ा संदेश देने का फैसला कर लिया है. इसके साथ-साथ कारगिल में पहले से ही एक सैन्य हवाई क्षेत्र है, और रिपोर्ट के अनुसार सरकार अब इसे वैकल्पिक नागरिक हवाई अड्डे में बदलने की योजना बना रही है. कारगिल में वर्तमान हवाई क्षेत्र का उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा किया जाता है और अभी तक नागरिक संचालन शुरू करने के लिए अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ.