भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव की जीत के लिए अपनी ब्लूप्रिंट तैयार कर ली है. ब्लू प्रिंट तैयार करने के साथ ही इसे योगी आदित्यनाथ से पूरी तरह अवगत करा दी गई है. इसके अंतर्गत आने वाले 6 से 8 महीने भाजपा सरकार विभिन्न मोर्चों पर अपना काम करेगी. इनमें सामाजिक राजनीतिक और धार्मिक मोर्चों पर जनता की नाराजगी को दूर करना और 2022 में अपनी सत्ता को बरकरार रखना प्रमुख बिंदु होगा.
इस दौरान भाजपा सरकार ने पिछले 5 विधानसभा चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखते हुए 2022 में होने वाले चुनाव का आकलन किया. दरअसल पंचायती चुनाव के नतीजों ने भाजपा को समय रहते सतर्क कर दिया. जानकारी के अनुसार इसमें उत्तर प्रदेश को लेकर चिंता व्यक्त की गई है. जिसके बाद भाजपा और संघ काफी सक्रिय हो गया और लगातार बैठकें की गई. इन बैठकों में विभिन्न स्तरों पर विधायकों और आम जनता से फीडबैक लिया गया. कई नेताओं को तो दिल्ली भी बुलाया गया और सरकार के खिलाफ नाराजगी पर भी बात की गई.
जानकारी के मुताबिक, भविष्य में जिन मुद्दों पर मिशन मोड में काम किया जाएगा उनमें नेतृत्व संगठन, सुशासन, नियोजन, सामाजिक, समीकरण, धार्मिक ध्रुवीकरण, गठबंधन, गरीब कल्याण योजना, पिछले 5 साल के प्रमुख प्रोजेक्ट और केंद्र सरकार की योजनाएं शामिल है. इन मोर्चे पर सत्ता में रहते हुए जरूरी बदलाव किए जाएंगे.
अगड़े-पिछड़े संतुलन के साथ उतरेगी पार्टी
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पार्टी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उतरेगी. लेकिन अभी भी चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर स्पष्टता नजर नहीं आ रही हैं. इसका फैसला बाद में होगा. स्थिति खस्ता होने के कारण पार्टी अभी अगले – पिछड़े के संतुलन के साथ ही उतरेगी.
नौकरशाही सचिव शिकायतें
अभी हाल ही के आश्रम से यह बात सामने आई है कि कई सारे विधायकों को नौकरशाहों से दिक्कत देखने को मिली है. इसलिए इस धारणा को दुरुस्त करने का प्रयास किया जाएगा. बड़े प्रभावशाली सरकारी फैसलों को जमीन पर प्रभावी ढंग से उतारने के भी दिशा निर्देश दिए गए हैं.
आगामी 6 महीनों में टीकाकरण की रफ्तार तेज करने की कोशिश
आने वाले 6 महीनों में टीकाकरण की रफ्तार को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं. महिलाओं और वंचित वर्ग पर खास नजर रखने की बात भी कही गई है. योगी सरकार का महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, आरआरटीएस जैसी परियोजनाओं पर काम में तेजी लाने को भी कहा गया है. तो वहीं अगस्त में प्रधानमंत्री के हाथों जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला रखी जा सकती हैं.
जाट और ब्राह्मण की नाराजगी को दूर करने की कोशिश
रिपोर्ट के अनुसार चुनाव से पहले पहले सामाजिक समीकरण को अपने अनुकूल बनाने के लिए जाट और ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर की जाएगी. खबर है कि कुछ जाट नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह दी जाएगी. धार्मिक ध्रुवीकरण पर भी पार्टी की नजर रहेगी और कोशिश करी जाएगी कि इससे किसी भी वर्ग को कोई नुकसान ना पहुंचे. पार्टी और गठबंधन को लेकर भी काफी सचेत हो रही है और अपने पुराने सहयोगी पार्टियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में अमित शाह (Amit Sah) निषाद पार्टी और अपना दल के साथ महत्वपूर्ण बैठकें भी की हैं.