15 दिसंबर को, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर जामिया हिं’सा मा’मले में पुलिस द्वारा पुस्तकालय में बैठे छात्रों पर ला’ठीचार्ज का एक संपादित वीडियो सामने आया है, जिसके बाद कई विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक, आज के शुरुआती घंटों में, विश्वविद्यालय प्रशासन ने जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो को हटा दिया है। जामिया यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने यह वीडियो जारी नहीं किया है।
#Breaking | Jamia Millia Islamia University releases a statement distancing itself from the CCTV footage that was leaked.
'The video has not been released by us,' says Jamia Millia Islamia University.
Wajihulla with details. Listen in. pic.twitter.com/FgdFwlw0L1
— TIMES NOW (@TimesNow) February 16, 2020
जामिया मिलिया के पीआरओ अहमद अजीम ने कहा है कि फुटेज में दिख रहे छात्र एमफिल और पीएचडी की तलाश में हैं। हमें यह भी पता चला है कि यह वीडियो जामिया समन्वय समिति द्वारा जारी किया गया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। प्रशासन ने वीडियो से छेड़छाड़ पर कोई टिप्पणी नहीं की है। गौरतलब है कि रविवार के शुरुआती घंटों में, समन्वय समिति और विशेष गिरोह ने मिलकर 15 दिसंबर की हिं’सा का वीडियो वायरल किया था। यह वीडियो वायरल है, जिसमें प्रियंका गांधी और वामपंथी मीडिया गिरोह सहित कई विपक्षी नेता हाथ पकड़कर दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर ह’मला करने लगे।