फेमस सॉन्ग हर हर शंभू को गाने वाली मुस्लिम गर्ल फरमानी का झलका दर्द, बोली: बिना तलाक पति ने की दूसरी शादी..

हर हर शंभू महादेव गाना लोगों को खूब पसंद आ रहा है. इंस्टाग्राम रील्स से लेकर कांवड़ यात्रा तक यह गाना जमकर बज रहा है. सावन के महीने में यह गाना कुछ ही दिनों में लोकप्रिय हो गया। यूट्यूब पर अब तक इस गाने को कई मिलियन व्यूज मिल चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सुरीली आवाज के पीछे फरमानी नाज नाम की मुस्लिम लड़की है। आइए जानते हैं फरमानी नाज के बारे में।

कौन हैं फरमानी नाज़?

फरमानी नाज़ 28 साल की सिंगर और यूट्यूबर हैं। वह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम मोहम्मद आरिफ है और उनके चार भाई-बहन हैं। वह शादीशुदा है लेकिन दोनों साथ नहीं रहते। नाज की शादी मेरठ निवासी इमरान से 25 मार्च 2017 को हुई थी।

फरमानी के ससुराल वालों ने उसे प्रता ड़ित किया जिससे वह ससुराल से अलग रहने लगी। इस दौरान वह एक बेटे की मां भी बनीं। उसके पति ने बिना तलाक लिए दूसरी महिला से शादी कर ली थी।

ऐसे ही फरमान को पहचान मिली

जब फरमानी ने ससुराल छोड़ दी, तो उसने अपनी आजीविका कमाने के लिए गाने गाना शुरू कर दिया। उनके गांव में रहने वाला एक शख्स वीडियो बनाता था। उन्होंने फरमानी का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करना शुरू किया, फिर धीरे-धीरे लोगों को फरमानी का गाना पसंद आने लगा।

फरमानी का यूट्यूब पर एक कव्वाली और भक्ति चैनल है, जहां वह अपने गाने अपलोड करती हैं। उन्होंने सावन में कावड़ यात्रा के लिए ‘हर हर शंभू’ गीत की रचना की।

बता दें कि फरमानी नाज ने इंडियन आइडल के सीजन-12 में हिस्सा लिया था और जजों ने भी उनके गाने की खूब तारीफ की थी लेकिन अपने बच्चे की तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें शो बीच में ही छोड़ना पड़ा था. यूट्यूब पर उनके 3.8 मिलियन सब्सक्राइबर हैं जहां लोग उनके गानों को खूब पसंद करते हैं।

‘हर हर शंभू’ गाने को लेकर क्या है विवाद?

फरमानी नाज के सोशल मीडिया पर भी काफी फॉलोअर्स हैं। वह अपने भाई के साथ गांव के मोहल्ले में गीत गाने भी जाती है। जब फरमानी नाज़ ने हर हर शंभू गाना गाया और इसे अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया, तो उनके प्रशंसक गीत को देखकर बहुत खुश हुए लेकिन देवबंद के उलेमा ने इसे शरीयत के खिलाफ कहा और उनके खिलाफ फतवा जारी किया।

उलेमाओं का कहना है कि किसी भी तरह का गाना गाना जायज नहीं है और महिलाओं को इससे बचना चाहिए। मुसलमान होने के नाते अगर कोई गाना गाता है तो यह गुनाह है। दूसरी ओर, फरमानी का कहना है कि वह यह सोचकर कभी गाना नहीं गाती कि गाना किस धर्म का है। उनका मानना ​​है कि कलाकारों का कोई धर्म नहीं होता और हम हर तरह के गाने गाते हैं।

तो ये था फरमानी नाज़ का सफर, आपको यह गाना कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको लेख पसंद आया हो, तो इसे लाइक करें, साथ ही ऐसी जानकारी के लिए हर जीवन से जुड़े रहें।

About dp

Check Also

3GB प्रतिदिन डाटा के साथ यह रिलायंस जिओ के कुछ सस्ते प्लान, पढ़ें पूरी खबर

नए साल के अवसर पर सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने अपने ग्राहकों को लुभाने की कोशिश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *