अगर आप 10 रुपए फ्रूटी या मिक्स जूस के शौकीन हैं तो जुलाई से इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। इसकी वजह सरकार का नया फैसला है, जिससे डाबर समेत इस सेक्टर की तमाम कंपनियां परेशान हैं. दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई से इन सिंगल यूज प्लास्टिक पैकेट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। जो कंपनियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
अगस्त 2021 में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी पब्लिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के तहत जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध रहेगा। इस नियम के तहत प्लास्टिक प्लेट, कप, कटलरी, रैपिंग कवर, पीवीसी बैनर, फ्लैग स्टिक का इस्तेमाल प्रतिबंधित होगा।
इस नए नियम से कंपनियों में हड़कंप मच गया है। कंपनियों के लिए उपलब्ध विकल्पों में पेपर स्ट्रॉ या जूस बॉक्स को फिर से डिजाइन करने का विकल्प है। जिससे 10 रुपये के पैकेट पर खर्च बढ़ जाएगा। साथ ही, पेपर स्ट्रॉ के बेहतर स्थानीय विकल्प की अनुपलब्धता के कारण कंपनियों को इसे चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया या फ़िनलैंड से मंगवाना पड़ सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार से फल के निर्माता पारले एग्रो की ओर से तारीख बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।
उद्योग के अनुमान के मुताबिक भारत में जूस कंपनियां हर साल 6 अरब जूस के पैकेट बेचती हैं। डाबर, पारले एग्रो, कोका-कोला, पेप्सिको जैसे ब्रांड अपने फलों के रस का 60% छोटे पैकेट में बेचते हैं। इनके अलावा ओआरएस बेचने वाली कंपनियां भी इस फैसले से प्रभावित होंगी। फिलहाल सभी कंपनियां सरकार की ओर से किसी नई घोषणा का इंतजार कर रही हैं।