Video of IAS running a school of religious conversion in Uttar Pradesh: अभी हाल ही में कानपुर के आईएएस ऑफिसर (IAS Officer Iftikharuddin) के सरकारी आवास पर धर्मांतरण की पाठशाला चलते हुए दिखा है, जिस पर पूरे उत्तर प्रदेश में बवाल मच गया है. गौरतलब है कि अब जाकर इस मुद्दे पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है. आईएएस अधिकारी को समर्थन दिया है और साथ ही साथ उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि यह मामला उत्तर प्रदेश में काफी तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है.
ओवैसी (Owaisi) ने अपने ट्विटर के माध्यम से कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के 6 साल पुराने वीडियो की ‘जांच’ करने के लिए एक एसआईटी का गठन किया है. वीडियो को गलत तरीके से पेश किया गया और यह उस समय का है जब यह सरकार सत्ता में भी नहीं थी. यह धर्म के आधार पर जबरदस्त उत्पीड़न है.’
साथ ही साथ उन्होंने एक दूसरा ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘यदि मानदंड यह है कि किसी भी अधिकारी को धार्मिक गतिविधि से नहीं जुड़ना चाहिए तो कार्यालयों में सभी धार्मिक प्रतीकों या छवियों के उपयोग पर रोक लगाएं. यदि घर में आस्था की चर्चा करना अपराध है तो सार्वजनिक धार्मिक उत्सव में भाग लेने वाले किसी भी अधिकारी को दंडित करें. दोहरा मापदंड क्यों?’
पूरा मामला कुछ ऐसा है कि एक वरिष्ठ आईएएस का कुछ लोगों के साथ वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उन्हें धर्म परिवर्तन संबंधी आपत्तिजनक बातें करते हुए सुनी जा रही हैं. वीडियो वायरल होने वाली इस मामले को तूल पकड़ने के बाद यूपी सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश दे दिए हैं .बता दें कि यह एसआईटी 7 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी इससे पहले सीनियर आईएएस के नौकरी जमात लगाने का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने एडीसीपी सोमेंद्र मीना को मामले की जांच सौंपी है.