Another setback for BJP in West Bengal: पश्चिम बंगाल में भाजपा को ममता बनर्जी (Mamta Banergee) ने एक और झटका दे दिया है. बता दें कि कालियागंज से विधायक सौमेन रॉय ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है. ममता सरकार में मंत्री और टीएमसी के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली. रॉय पहले भी टीएमसी में ही थे और चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे.
गौरतलब है कि एक सप्ताह के भीतर बीजेपी (BJP) के तीन विधायकों ने टीएमसी जॉइन कर ली है. इससे पहले 30 अगस्त को बिष्णुपुर से विधायक तन्मय घोष ने टीएमसी में ‘घरवापसी’ कर ली थी. अगले ही दिन नॉर्थ 24 परगना जिले के बागडा विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक बिश्वजीत दास ने भी टीएमसी का दामन थाम लिया था. सौमेन रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद विधानसभा में बीजेपी विधायकों की संख्या घटकर 71 रह गई है. पिछले चार सप्ताह में भगवा दल के चार विधायक टीएमसी में शामिल हो चुके हैं.
बता दें की तन्मय घोष के बीजेपी में शामिल होने क बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को कहा था कि पाला बदलने वालों को लीगल नोटिस भेजा गया है. वहीं दूसरी ओर मुकुल रॉय, तन्मय घोष और बिश्वजीत दास जैसे नेताओं ने टीएमसी का दामन तो थाम लिया लेकिन विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है. मुकुल रॉय की सदस्यता खत्म कराने के लिए बीजेपी ने हाई कोर्ट का भी रुख किया है.
गौरतलब है कि टीएमसी ने बीजेपी को ताजा झटका ऐसे समय पर दिया है जब आज ही निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराने की घोषणा की. इनमें पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट भी शामिल है, जहां से मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने की संभावना है. मतगणना 3 अक्टूबर को होगी. इससे ममता बनर्जी को राज्य विधानसभा का सदस्य बनने के लिए एक और मौका मिलेगा. बनर्जी इस साल की शुरुआत में हुए राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट को छोड़कर चुनाव लड़ने के लिए नंदीग्राम चली गई थीं, लेकिन वह शुभेंदु अधिकारी से हार गईं जिन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था.