India condemned Subramanian Swamy Modi for: खबर आ रही है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका खुद को देश से जल्द से जल्द बाहर निकालना चाहता है. इस महीने के आखिर तक अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान छोड़ देंगे. वहीं भारत ने अमेरिका के इस तरह अफगानिस्तान छोड़ने को गलत ठहराया है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को फिर से आड़े हाथ लिया. उन्होंने मोदी (Narendra Modi) सरकार पर तंज कसते हुए ट्विटर पर लिखा है कि जब अफगानिस्तान में भारत अपनी सेना नहीं भेज सका तो अमेरिका के हटने की निंदा किस मुंह से कर रहा है. बीजेपी सांसद के इस बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने स्वामी की पीठ थपथपायी है. उन्होंने लिखा, ‘ मैं सुब्रमण्यम स्वामी का कोई प्रशंसक नहीं हूँ पर उनके साहस की दाद देता हूँ.’
मैं सुब्रमण्यम स्वामी का कोई प्रशंसक नहीं हूँ पर उनके साहस की दाद देता हूँ।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 27, 2021
इससे पहले बता दें कि उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा कि अमेरिका की आलोचना करने का हमें कोई अधिकार नहीं है, कि वो अफगानिस्तान को इस हालत में छोड़कर चला गया. क्योंकि जो भी हम अमेरिका के लिए कहेंगे वही कहीं न कहीं हमने भी किया है. उन्होंने आगे लिखा कि अफगानिस्तान हमारे कश्मीर के बॉर्डर पर है फिर भी हमने कुछ भी नहीं किया, हम चाहते तो अमेरिकी सेना के जाते ही हम अपनी सेना वहां भेज सकते थे, लेकिन हम भी सबका मुंह ताकते बैठे रहे.. कि कोई और नहीं आया तो हम क्यों जाएं.
गौरतलब है कि कि हाल में ही बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तालिबान के मुद्दे पर कहा था कि भारत सरकार को अमरुल्लाह सालेह और मसूद के बेटे की अगुवाई वाले स्वतंत्र अफगानिस्तान पर विचार करना चाहिए. वे अफगानिस्तान की घाटी में हैं और नॉर्दर्न अलायंस को लीड कर रहे हैं. अब चुप रहकर मोदी केवल पाकिस्तान और तालिबान का हौसला बढ़ाएंगे.
इसी कड़ी में हम आपको बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि ये हमले आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने वालों के खिलाफ विश्व के एकजुट होकर खड़े होने की आवश्यकता को प्रबल करते हैं.
बता दें की दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने काबुल के हवाईअड्डे पर अफगानों की भीड़ पर बृहस्पतिवार को हमला किया, जिसमें कम से कम 60 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को कहा, “मैं काबुल में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हम इस आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.”