Taliban forcibly marrying?: भारत का लेवल जमात इस बात पर काफी खुश है कि तालिबान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और औरतों को अधिकार देने की बात कही. यशवंत सिन्हा जैसे नेता हो या फिर देवबंद का मुक्ति यह साबित करने पर अमर हैं कि इस बार तालिबान पहले जैसा नहीं है. बता दें कि यही राग पाकिस्तान के साथ-साथ चीन भी अलाप रहा है.
वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान से जो रिपोर्ट आ रही हैं, वह बताती हैं कि शरिया की आड़ में इस्लामी कट्टरपंथी औरतों को उसी जलालत भरी जिंदगी में फिर से धकेल रहे हैं, जिनसे उन्हें करीब दो दशक पहले आजादी मिली थी.
रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के घुसने के बाद अब बच्चों से लेकर औरतों तक पर अत्याचार हो रहा है काफी रिपोर्ट सामने आ रहे हैं कि नए तालिबान में भी सबसे ज्यादा खतरा औरतों को ही है 90 के दशक में तालिबान की ऐसी नीतियों ने औरतों का दमन किया था और अब दोबारा वही कार लौट आया है.
तालिबान में महिलाओं को चुस्त कपड़े पहनने की आजादी तो छोड़ दीजिए बुर्का ना पहने पर मौत की सजा तक दी जाएगी इसी तरह लड़कियों का पढ़ना लिखना नौकरी करना सब तालिबान के लिए हराम है घर की अलमारियों से लेकर सूटकेस तक में तालिबानी चेक कर रहे हैं कि कोई लड़की उनसे बचना जाए.
औरतों को समान अधिकारों की जो बातें कैमरे के सामने हो रही हैं, वो भी फर्जी मालूम पड़ती हैं. टीवी एंकर शबनम दावरन कहती हैं कि महिलाओं को नौकरी से निकाला जा रहा है. इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में शबनम ने बताया कि वह सरकार द्वारा संचालित RTA पश्तू में काम करती थीं. लेकिन काबुल में तालिबान के घुसने के अगले दिन जब वो दफ्तर गई तो उन्हें काम पर दोबारा न आने को कहा गया. उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों तो उन्होंने कहा कि तालिबान राज आ गया है अब RTA में महिलाएँ काम नहीं करेंगी. उनके पुरुष साथियों ने उन्हें कहा, “तुम लड़की हो, जाओ अपने घर जाओ.”
बात इतने पर ही नहीं रुकी है अफगानिस्तान (Afganistan) में अब कई जगहों पर ब्यूटी पार्लर और शोरूम्स में लगे महिलाओं के पोस्टर पर सफेद रंग चढ़ाया जा रहा है या फिर उन पर कालिख पोती जा रही है. अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गफारी कहती हैं कि उनकी और उनके परिवार की सहायता करने के लिए कोई नहीं है, वो अपने परिवार के साथ हैं और उन्हें पता है कि तालिबानी आएँगे और उन्हें मार देंगे.
Afghan women are crying and asking for help from the U.S. military at Kabul airport.
They relied on America's security.💔 pic.twitter.com/i07amTINpg
— 🔥H&A🤝 (@HanneyAngel) August 18, 2021
इन सबके अलावा हजारा समुदाय, जो कि शिया मुसलमानों का एक समूह है, उसके लोग तालिबान की किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि पर भरोसा नहीं कर पा रहे. तालिबानी उनकी बेटियों से जबरन निकाह कर रहे हैं. दुखद बात ये है कि जिस समय तालिबान टीवी पर शांति संदेश भेज रहा था उसी समय हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति तोड़े जाने की खबर आई. ऐसे ही आज सुबह से सोशल मीडिया पर एक वीडियो घूम रही है. वीडियो में महिलाएँ अपने बच्चों को कंटीली तारों के ऊपर फेंक रही हैं और अमेरिकी सैनिकों से मदद की गुहार लगा रही हैं. वो बार बार कह रही हैं. उन्हें बचाया जाए तालिबान आ रहा है.