Maulana said – India should talk to Taliban: रिपब्लिक पर डिबेट के दौरान अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) ने पैनल में बैठे एक मौलाना से सवाल किया कि भारत को तालिबान से बातचीत क्यों करनी चाहिए. इस सवाल का जवाब देते हुए मौलाना ने कहा कि जब अमेरिका उत्तर कोरिया से बातचीत कर सकता है तो भारत तालिबान से बातचीत क्यों नहीं कर सकता. मौलाना ने आगे कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में ढेर सारा पैसा निवेश किया है. भले ही गलती अमेरिका की हो या अशरफ गनी की लेकिन भारत को अपने निवेश को बचाने के लिए तालिबान से बात करनी ही चाहिए.
इस डिबेट में एंकर मौलाना से पूछने लगे कि क्यों यह बात अहमियत नहीं रखती कि तालिबान कैसे सत्ता में आया. हम यह बात है कि तालिबान सत्ता में आ गया है. एंकर पूछने लगे कि आप क्यों तालिबान को वैध ठहराने की कोशिश कर रहे हैं तो इसका जवाब देते हुए मौलाना ने कहा कि अफगानिस्तान (Afganistan) से अफगानी को कुछ इसी तरह से भागना पड़ा है जैसे कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को भागना पड़ा था. सवाल यह होना चाहिए कि अफगानिस्तान में भारतीयों की क्या स्थिति है? उनकी सुरक्षा क्या है?
हम आपको बता दें कि अफगानिस्तान में आतंकवादी समूह तालिबान के फिर से प्रभाव में आने के मद्देनजर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Sindhiya) ने कहा कि केंद्र सरकार अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन की तरह सभी प्रयास करेगी.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोविड-19 के बाद नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन के बाद विदेशों में फंसे भारतीयों को बाप वापस लाने के लिए भारत सरकार द्वारा वंदे भारत अभियान चलाया गया था.
सिंधिया अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के तहत मंगलवार शाम को मध्यप्रदेश के शाजापुर पहुंचे थे. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि,’ भारत सरकार एयर इंडिया या भारतीय वायुसेना के विमानों से जैसे ही संभव होगा अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से वापस लाएगी जैसा हमने वंदे भारत मिशन में किया था,’