Katju’s taunting the country on the victory of this Olympian: टोक्यो ओलंपिक 2020 में बीते बुधवार यानी 7 तारीख को भारत के 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने 87.58 मीटर से अधिक दूरी का भाला से कर भारत को पहली बार ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक दिलाया था.
गौरतलब है की स्वर्ण जीतने के बाद बुधवार की शाम से ही विभिन्न संस्थाओं द्वारा नीरज को अलग-अलग तरीके से इनाम दिए जा रहे हैं. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व न्यायाधीश एवं सोशल मीडिया पे ज्यादा एक्टिव रहने वाले मार्कंडेय काटजू ने ऐसा ट्वीट कर दिया जिससे उन्हें ट्विटर पर यूजर की प्रतिक्रियाएं झेलनी पड़ी. पूर्व न्यायाधीश ने सवाल उठाया कि जश्न मनाने का मुद्दा है या शर्माने का?
पूर्व न्यायाधीश के इस ट्वीट पर यूजर विभिन्न विभिन्न तरीके से प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं . एक यूजर ने देश के विभिन्न अदालतों में लंबित को याद दिलाया. दरअसल काटजू ने ट्वीट किया था कि ‘यह उत्सव मनाने का टाइम है या शर्मिंदा होने का 135 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में सिर्फ एक स्वर्ण पदक?’ इसके साथ ही उन्होंने भारत को अन्य जनसंख्या वाले देशों से तुलना किया था.
उन्होंने ने लिखा कि क्यूबा की आबादी 1.16 करोड़ और उसने 6 गोल्ड मेडल जीते है. उन्होंने कहा कि जमैका की अबादी 29 लाख है और उसने 4 गोल्ड मेडल जीते है. इसी कड़ी में उन्होंने अन्य कई देशों सर्बिया, युगांडा, इक्वाडोर आदि देशों के साथ भारत की तुलना की थी.
उन्होंने ने अंत मे कहा कि ‘ तो क्या यह जश्न मनाने का समय है या शर्मिंदा होने का? हालांकि जस्टिस के इस बयान का विभिन्न यूजर ने अलग अलग प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने लिखा कि पहले आप बताये आप ने क्या जीता और क्या कमाया? पद मोहताज़ हो सकता है पर पदक नही उसे जीतना पड़ता है. आप खुद जिम्मेदार बने कम से कम एक खिलाड़ी बनने में.