राहुल की ‘Breakfast Meet’ में शामिल हुए 15 विपक्षी पार्टियों के नेता, BSP और AAP ने बनाई दूरी

Leaders of 15 opposition parties joined Rahul’s ‘Breakfast Meet: कॉन्स्टीट्यूशन क्लब (दिल्ली) में मंगलवार सुबह चाय-नाश्ते के बीच सभी विपक्षी दलों की मीटिंग हुई. सभा खत्म होने के बाद कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी की अगुवाई में सभी विपक्षी दलों के नेता साइकिल चलाकर संसद पहुंचे थे.

सभी विपक्षी पार्टियों के एकजुट करने के प्रयास के क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह सभा आयोजित की थी. इसी प्रयास के अंतर्गत 15 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे.

रोचक बात यह रही कि इस बैठक से बहुजन समाज पार्टी (BSP) और आम आदमी पार्टी ने दूरी बना रखी थी. मंगलवार सुबह ब्रेकफास्ट के लिए राहुल गांधी ने सभी दोनों सदनों के विपक्षी दलों के नेताओं को बुलावा भेजा था . सूत्रों के अनुसार इस बैठक में देश के मौजूदा राजनीतिक हालात से लेकर पेगासस जासूसी प्रकरण व अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई.

बैठक में शामिल विपक्षी नेताओं को राहुल गांधी ने संबोधित किया. राहुल ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि यह अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा, ‘हमें इस ​आवाज (लोगों की आवाज) को एकजुट करना होगा, ये आवाज जितनी एकजुट होगी उतनी ही मजबूत होगी और भाजपा और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा. ‘

गौरतलब है कि संसद में मानसून सत्र की शुरुआत से ही पेगासस और कृषि कानून सहित विभिन्न मुद्दों सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है.

इसी सब को नजर में रखते हुए कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी दल के नेता शामिल हुए लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) का एक भी सदस्य इस बैठक में नहीं पहुंचा.

इस नाश्ते के साथ बैठक का असल मकसद भाजपा के खिलाफ साझा रणनीति को लेकर विपक्षी दल के साथ चर्चा करने का था. बैठक में समानांतर संसद चलाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की संभावना जताई जा रही थी.

राहुल के आमंत्रण को स्वीकार कर कांग्रेस, शिवसेना, एनसीपी, राजद, सपा, CPI(M), CPI, IUML, केरल कांग्रेस (M), झारखंड मुक्ति मोर्चा, Revolutionary Socialist Party (RSP), नेशनल कॉन्फ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस और लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के नेता बैठक में शामिल हुए.

विपक्ष द्वारा दोनों सदनों में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए समानांतर संसद बुलाने की मंशा जाहिर की गई है. संसद में अपने मुद्दों पर चर्चा करने में असमर्थ रहने पर  राहुल ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई थी. उन्होंने लिखा था, ‘हमारे लोकतंत्र की बुनियाद है कि सांसद, जनता की आवाज़ बनकर राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा करें। मोदी सरकार विपक्ष को ये काम नहीं करने दे रही. संसद का और समय व्यर्थ मत करो- करने दो महंगाई, किसान और पेगासस की बात!’

 

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