टोक्यो ओलंपिक का तीसरा दिन भारतीयों के लिए खासकर महिला मुक्केबाजी वर्ग के लिए सुखद रहा. राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन मैंगते चंग्नेइजैंग मैरीकॉम (Mary com) ने डॉमिनिक रिपब्लिक की महिला बॉक्सर खिलाफ अपना मुकाबला जीत लिया है.
इसी जीत के साथ ही मैरी कॉम के मुक्के ने बॉक्सिंग में भारत के लिए मेडल की आस जगा दी है. मैरी कॉम ने महिलाओं के 51 किलोग्राम भार वर्ग के बॉक्सिंग मैच के राउंड ऑफ 32 का मुकाबला 4-1 से जीता है.
टोक्यो ओलंपिक (Olympics) के पहले मैच में रिंग मैरीकॉम ने अपनी शुरुआत सोची समझी रणनीति के साथ की, उन्होंने अपने अनुभवों का भरपूर इस्तेमाल करते हुए यह मुकाबला अपने नाम किया.
मुकाबले के पहले राउंड उन्होंने बहुत ही रक्षात्मक तरीके से खेला तथा अपना सारा फोकस सिर्फ एनर्जी बचाकर रखने पर किया और सिर्फ मौका मिलने पर ही विरोधी पर वह प्रहार करती दिखी.
दूसरे राउंड के मुकाबले में मैरी कॉम ने अपनी रणनीति को अनुसार थोड़ा आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन इस राउंड में भी उन्हें अपने विरोधी से टक्कर देखने को मिली.डॉमिनिक रिपब्लिक की महिला बॉक्सर ने मैरी कॉम के हमलों का करारा जवाब दिया. इसी का नतीजा था कि जब राउंड खत्म हुआ तो स्कोर 50-50 था. कोई चार जज की टीम में से दो ने मैरी कॉम को 10-10 तथा 2 जज ने डॉमिनिक रिपब्लिक की महिला मुक्केबाज को 10-10 अंक दिए.
भले ही दूसरे राउंड का मुकाबला बराबर कर रहा हो लेकिन तीसरे राउंड में मैरीकॉम पूरी तरह से हावी दिखी तथा अपने अनुभव का भरपूर इस्तेमाल करते हुए विरोधी मुक्केबाज पर मुक्को की बरसात कर दी. इस राउंड में पूरी तरह से मैरीकॉम ने आक्रामक मुक्केबाजी का प्रदर्शन किया. तीसरे राउंड को जीतने के लिए मैरीकॉम ने अपने सारी एनर्जी तथा अनुभव झोंक दिया और इसी का रिजल्ट यह रहा कि टोक्यो ओलंपिक में उनकी झोली में पहली जीत दर्ज हुई.
ध्यान रहे कि मैरीकॉम ने लंदन ओलंपिक में भी ब्रॉन्ज मेडल देश के लिए जीता था और यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि टोक्यो ओलंपिक उनका आखिरी ओलंपिक हो सकता है. ऐसे में उनसे मेडल की आस और अधिक हो जाती है क्योंकि वह भी इसे अपने और अपने देश के लिए यादगार बनाना चाहेंगी. 133 करोड़ देशवासियों की यही इच्छा है कि ब्रॉन्ज मेडल को गोल्ड मे बदला जाए.