सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के बीच एक सिलेंडर (LPG) को महीना चलाना काफी मुश्किल हो जाता है. हर शख्स चाहता है कि सिलेंडर ज्यादा से ज्यादा चले इसलिए आपको इससे ज्यादा चलाने की तरकीब में भी मालूम होनी ही चाहिए. यह जानना जरूरी है कि इस्तेमाल हो रहे सिलेंडर में आखिरकार कितनी गैस बची हुई है. अक्सर लोग हिला कर ही अंदाजा लगा लेते हैं कि सिलेंडर में इतनी गैस बची होगी लेकिन यह तरीका एकदम ही गलत है. तो क्या है इसका सही तरीका आइए जानते हैं…
जब आप घर में नया सिलेंडर लगाते हैं तो पहले काफी ठीक चलता है. फिर जैसे-जैसे चूल्हे में आंच कम आने लगती है, तो आप अंदाजा लगा लेते हैं कि अब सिलेंडर को बदलने का समय आ गया है. और इसी हड़बड़ी में आप सिलेंडर को थोड़ा सा हिलाकर देखते हैं कि उसमें गैस बची है या नहीं. सिलेंडर के वजन के अनुसार आप अंदाजा लगा लेते हैं कि इसमें कितनी गैस होगी, लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरीके से आपको कितना नुकसान हो रहा है.
सिलेंडर में गैस नापने का ये तरीका बिल्कुल गलत है. अगर आप इस तरह से सिलेंडर में गैस देखते हैं तो ये तरीका तुरंत बदल दें. होता क्या है कि आप हिला-डुलाकर सिलेंडर को देख तो लेते हैं, कि वो कितना भारी है और अगर वो भारी नहीं होता तो आपको लगता है कि गैस खत्म हो गई है. इसलिए आप उसे बदल देते हैं, लेकिन इसमें आप खुद का ही नुकसान कर रहे हैं. सिलेंडर के भारीपन से गैस का अनुमान लगाना गलत है. ऐसा कर आप सिलेंडर में बची अच्छी-खासी गैस को बेकार कर रहे हैं.
हम आपको बता दें कि अगर आपको बची हुई गैस का अंदाजा लगाना है, तो गीले कपड़े का इस्तेमाल करिये. एक गीला कपड़ा लें और उसे पूरे सिलेंडर पर अच्छे से फेरें और फिर थोड़ी देर इंतजार करें. अब जितने हिस्से में सिलेंडर गीला दिखाई दे रहा है, इसका मतलब गैस भी उतनी ही है. बाकी सूखा हिस्सा देखकर समझ जाइए कि वो गैस खत्म हो चुकी है. तो आगे से सिलेंडर को हिला-डुलाकर नहीं, बल्कि इस तरह करिएगा चेक.