बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) साहब अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. इस खबर से पूरे बॉलीवुड (Bollywood) समाज में शोक की लहर दौड़ गई हैं. दिलीप कुमार ने अपने फिल्मी करियर में बहुत सी सुपरहिट फिल्में देखकर लोगों का दिल जीत लिया था. दिलीप कुमार की पहली फिल्म के लिए उन्हें 1270 रुपए मिले थे.
ध्यान देने वाली बात यह है कि दिलीप कुमार को ट्रेजडी किंग नाम से भी जाना जाता है. दिलीप कुमार की फिल्मों को वैसे तो गोरखपुर (Gorakhpur) के लोग खूब देखते हैं. लेकिन एक बार गोरखपुर के लोगों को दिलीप कुमार से मिलने का मौका भी मिला था.
जब वह 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ सैयद जमाल के पक्ष में भाजपा उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लोगों से वोट मांगने के लिए आए थे. तब दिलीप कुमार लगभग ढाई घंटे तक गोरखपुर में रहकर गए थे. इस दौरान उन्होंने कई लोगों से वार्तालाप की थी.
योगी आदित्यनाथ (Yogi) को हराने के लिए किया था चुनावी रैली
गौरतलब है कि मशहूर बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार पहली और आखरी बार वर्ष 1999 में कांग्रेस की ओर से चुनावी रैली में प्रचार किया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ सैयद जमाल बताते हैं कि “दिलीप कुमार का हेलीकाप्टर क्षेत्रीय क्रिकेट ग्राउंड में में उतरा था. दिलीप कुमार गणेश चौराहा, बक्शीपुर होते हुए डीएवी डिग्री कॉलेज के मैदान में जारी जनसभा में पहुंचे थे.”
इस जनसभा में पहुंचकर उन्होंने कुरान की आयतें पड़ी और कांग्रेस को वोट करने के लिए लोगों से जमकर अपील की. डॉ. जमाल आगे बताते हैं कि “उन्हें करीब से देखने के लिए लोगों में गजब की दीवानगी थी. सड़क के दोनों तरफ लोग खड़े थे. लोग दिलीप साहब, युसुफ भाई कहकर उन्हें पुकार रहे थे. तमाम दुकानदार शटर खुला छोड़कर उनके पीछे दौड़ पड़े थे. दिलीप साहब जब वापस लौटे तो भी सड़क के दोनों तरफ बहुत सारे लोग थे. हर कोई उन्हे देखने के लिए बेकरार थे.”
अल्ताफ हुसैन जो कि कांग्रेस के मशहूर नेता रहे उन्होंने दिलीप कुमार के बारे में बताया कि दिलीप साहब का कार्यक्रम एक दिन पहले ही था परंतु प्रशासन द्वारा मंजूरी नहीं दी गई थी. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर में आए थे. उन्हें सुनने के लिए लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इकट्ठा हो चुके थे. जब दिलीप कुमार गोरखपुर पहुंचे तब सबसे पहले उन्होंने मस्जिद में नमाज अता की. कई लोग नमाज बीच में छोड़कर ही दिलीप कुमार को देखने के लिए चल पड़े थे. अल्ताफ आगे बताते हैं कि भाषण के वक्त उन्होंने सीएम योगी का नाम तो नहीं लिया था बस इतना ही कहा था कि यह धरती सूफी संतानों की है. इसे आगे भी इसी प्रकार बनाकर रखने की आवश्यकता है