“Dal mein kuch toh hai kala”: भूपेंद्र हुड्डा (Bhupendra Hudda) और भाजपा गठबंधन दोनों एक दूसरे से मिले हुए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उधार गगन भूमि घोटाले की जांच सीबीआई (CBI) से करवाने के आदेश पर मुहर लगा दी है. यह बात पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कही. उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में शुक्रवार को छपी का हवाला देते हुए कहा कि अखबार ने अपनी हेड लाइन में साफ लिखा है कि की उधार गगन भूमि रिलीज मामले में भाजपा जज्बा सीबीआई जांच नहीं चाहते थे.
वहीं दूसरी तरफ इनेलो नेता ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पहले शासनकाल में विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर यह घोषणा की थी कि उडार गगन भूमि रिलीज की जांच सीबीआई से करवाएंगे. लेकिन मुख्यमंत्री ने उस समय भुपेंद्र हुड्डा से सांठ-गांठ कर मामले को ठंडे बस्ते में डालते हुए इस की जांच सीनियर आईएएस अधिकारी को सौंप दी.
गौरतलब है कि बाद में मामले को उलझता देख मुख्यमंत्री ने खानापुर्ति के लिए इस की जांच सेवानिवृत जज को सौंप दी. इनेलो नेता ने कहा कि उस समय नेता प्रतिपक्ष होने के नाते विधान सभा में उन्होंने मुख्यमंत्री से सदन पटल पर सवाल पूछा था कि उडार गगन भूमि मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फै सला बदल कर प्रदेश की जनता से वादाखिलाफी क्यों की? इसका सीधा मतलब है कि मुख्यमंत्री खट्टर ने भूपेंद्र हुड्डा को बचाने के लिए यह फैसला लिया है.
भूपेंद्र हुड्डा और भाजपा गठबंधन की मिलीभगत की पोल ऐसे समय पर पूरी तरह से खुल गई है जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी जयदीप गुप्ता ने अपनी दलील में साफ कहा कि उडार गगन भूमि रिलीज मामले की जांच अदालत की विशिष्ट टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए उचित समयबद्ध जांच सीबीआई से करवाना अति आवश्यक है.