जर्मनी में अपना जमा-जमाया बिजनेस छोड़ गौरव चौधरी लौटे गांव की ओर, प्रधानमंत्री मोदी को मानते हैं अपना आदर्श

मेरठ के रहने वाले गौरव चौधरी जल्द ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनने जा रहे है. मगर हैरानी की बात तो यह है कि वह जर्मनी छोड़कर अपने गांव में शिफ्ट हो गए हैं प्रधानमंत्री की बातों ने उन्हें इतना प्रभावित कर दिया कि उन्होंने जर्मनी में अपना जमा-जमाया हुआ सालों का व्यापार छोड़कर अपने गांव मेरठ आ गए हैं.

मेरठ लौटकर उन्होंने सबसे पहले जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की और अब वह जिला पंचायत अध्यक्ष बनने जा रहे हैं और माना जा रहा है कि उनका जीतना लगभग तय है. दरअसल उनके विरोध में कोई भी प्रत्याशी खड़ा हुआ नहीं है. बता दें कि मेरठ के रहने वाले 33 साल के गौरव चौधरी जर्मनी में बिजनेस को छोड़कर अपने गांव आने का मन बना लिया था. गांव लौटकर उन्होंने बहुत सारे जरूरतमंद लोगों की मदद की. जिसके बाद जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़कर जीत हासिल की.

गांव के लिए कुछ करने का जज्बा

गौरतलब है कि जब उन्हें पंचायत चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी से टिकट मिला तो स्थानीय नेताओं ने इसका विरोध भी किया. इसके बाद भी उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिल गया. उन्होंने पंचायत चुनाव जीतकर जनता की सेवा करने का फैसला किया है. गौरव गांव में अपने दादा चौधरी भीम सिंह मेमोरियल ट्रस्ट के नाम से संस्था चलाते हैं और जरूरतमंद बच्चों की मदद करते हैं.

उन्होंने कहा कि जर्मनी के में रहकर भी उन्होंने अपने गांव की मिट्टी को कभी नहीं भूला. उन्होंने आगे कहा कि वह हमेशा से अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे. इसी जज्बे ने उन्हें गांव वापस लौटकर पंचायत चुनाव लड़ने पर मजबूर कर दिया. अब उन्हें पंचायत अध्यक्ष के रूप में गांव की सेवा करने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि जीत के साथ ही उन पर बड़ी जिम्मेदारी है. वह युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और गरीबों की जरूरतें पूरी करना चाहते हैं. वह चाहते है कि गांव से लेकर पूरे जिले तक का विकास हो.

पीएम मोदी को मानते हैं अपना आदर्श

गौरव पीएम मोदी को अपना आदर्श मानते हैं. उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी ने भारत की छवि को पूरी दुनिया के सामने बदल कर रख दिया है. विदेशों में भारतीय गर्व महसूस करते हैं गौरव ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र से अपनी बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी कर जर्मनी चले गए थे. वहां पर उनका अपना इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का काफी फैला हुआ बिजनेस है. गौरव का स्वदेश लौटकर चुनाव लड़ना और जीतना इलाके में काफी चर्चा का विषय बन चुका है.

गौरतलब है कि उनकी कहानी भी स्वदेश फिल्म के नायक की तरह है. जो विदेश की नौकरी छोड़ कर वापस अपने गांव लौट आता है. वतन की मिट्टी उसे लौटने पर मजबूर कर देती है गौरव भी अपने गांव की वजह से ही जर्मनी को छोड़कर वापस आ गए.

About dp

Check Also

3GB प्रतिदिन डाटा के साथ यह रिलायंस जिओ के कुछ सस्ते प्लान, पढ़ें पूरी खबर

नए साल के अवसर पर सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने अपने ग्राहकों को लुभाने की कोशिश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *