प्रशांत किशोर देश के भाग बड़े राजनीतिक विश्लेषक हैं. सफल पॉलिटिकल स्ट्रेटजी के तौर पर उनकी देशभर में चर्चा होती रहती है. हालांकि जिस बीजेपी को उन्होंने 2014 में केंद्र की सत्ता तक पहुंचाया बाद में उसी ने उनकी कुशलता पर भी सवाल उठा दिया. बीजेपी की तरफ से तो यह भी कह दिया गया कि प्रशांत किशोर जिस कॉलेज के स्टूडेंट है,अमित शाह वहां के प्रिंसिपल रह चुके हैं.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर जब बीजेपी के लिए काम करते थे तो ऐसा कहा जाता है कि पार्टी के अंदर अमित शाह से उनकी कुछ खास बनते नहीं थी. इस बात को मीडिया के दिमाग की उपज बताया है.
इसके कुछ समय बाद भी वह बीजेपी से अलग होकर कांग्रेस जदयू और कांग्रेस तृणमूल जैसी पार्टियों के लिए काम करने लगे और उन्हें सफलता के आयामों पर चढ़ाने लगे.
प्रशांत किशोर के साथ ही अपनी कंपनी की शुरुआत करने वाले प्रतीक जाएं ऋषिराज सिंह और विनेश चंदेल कंपनी के कोफाउंडर से तो वहीं प्रशांत किशोर इस कंपनी के डायरेक्टर भी हैं.
बंगाल बीजेपी के प्रभारी और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार कहा था कि प्रशांत किशोर जिस कॉलेज के स्टूडेंट हैं, उस कॉलेज के प्रिंसिपल रह चुके हैं अमित शाह. इस टिप्पणी पर प्रशांत किशोर भी कहां चुप रहने वाले थे उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह सबसे ज्यादा ओवररेटेड राजनीतिक और चुनावी रणनीतिकार हैं.
तो वही पीके ने कहा कि 2015 में बिहार दिल्ली और बंगाल में अमित शाह को हार का सामना करना पड़ा इसके बाद पंजाब और आंध्र में भी मुंह की खानी पड़ी जहां वह अपने सहयोगीयों के साथ मैदान में उतरे थे.