महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में शामिल दलों के नेताओं के इन दिनों ऐसे बयान मीडिया में सामने आ रहे हैं, दिल से पता चल रहा है कि इस सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. गठबंधन की सरकार में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी. इस पर शिवसेना की तरफ से पलटवार किया गया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिए लिखा है कि,’ 2024 के लोकसभा और विधानसभा के लिए अभी काफी समय है लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस अचानक अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. क्या मध्यावधि चुनाव कराने की कोई योजना है? उसने कहा कि 2019 में जो हुआ उसके बात 2024 की बात करना अभी काफी जल्दी बाजी होगी.’
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता नाना पटोले ने 14 जून को कहा था कि,’ कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. अगर आलाकमान ने फैसला किया तो मैं मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के लिए तैयार हूं.’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कांग्रेस अकेले लड़ेगी। आलाकमान ने फैसला किया तो मैं मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के लिए तैयार हूं: महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2021
इस कथन के बाद शिवसेना ने सामना मुखपत्र में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में कांग्रेस एक महत्वपूर्ण घटक दल तो है लेकिन वह तीसरे स्थान पर है. इसके आगे शिवसेना ने कहा कि हालांकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि जिसके पास 145 विधायकों का समर्थन होगा वह अगली सरकार बनाएगा और वही मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे.
उनका यह कथन भी पूरी तरह से सही है. संसदीय लोकतंत्र बहुमत का आंकड़ा जुटाने पर निर्भर है जो कामयाब होगा वही सत्ता में बैठेगा.
नाना पटोले (Nana Patole) द्वारा खुद को मुख्यमंत्री पद के लिए तैयार बताने पर शिवसेना ने बयान दिया कि, किसी को भी राजनीतिक आकांक्षाएं पालने में कोई भी बुराई नहीं है लेकिन उस आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संख्या बल की आवश्यकता होती है. कुछ ऐसे ही पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह सरकार द्वारा बताए गए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. भाजपा के 105 सीटें जीतने के बावजूद तीन अन्य दलों शिवसेना राकपा और कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बना ली.