पंजाब में कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही तकरार को खत्म करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था, लेकिन उसके तमाम प्रयास फिलहाल असफल होते दिख रहे हैं. कैप्टन के लीडर से बनी रहने और डिप्टी सीएम का पद दिए जाने की पेशकश को सिद्धू ने पूरी तरह से ठुकरा दिया है. कांग्रेस का कहना है कि सिद्धू ने मलिकार्जुन खरगे की लीडरशिप वाले पैनल से साफ कर दिया है कि वह कैप्टन अमरेंद्र के साथ काम करने में बिल्कुल भी सहज नहीं है. कहा जा रहा है कि उन्होंने पैनल से कहा कि यदि व डिप्टी सीएम का पद स्वीकार भी लेते हैं तब भी वह काम करने में सहज नहीं होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धू ने पैनल से कहा की,’ कैप्टन अमरिंदर सिंह पहुंच से दूर रहते हैं .इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है.’
कैप्टन अमरिंदर (Captain Amrinder) पर शुरू से हमला बार के तौर पर तैयार रहने वाले सिद्धू ने कहा कि वे पंजाब सरकार के कामकाज को प्रभावित कर रहे हैं. सिद्धू के इन बयानों से यह साफ हो गया है कि पंजाब में कांग्रेस की डगर काफी कठिन हो चली है. गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के अति महत्वाकांक्षा के चलते कांग्रेस के सारे प्रयास में पटरी होते दिख रहे हैं.
अभी हाल ही में अबोहर में नवजोत सिंह सिद्धू के काफी सारे पोस्टर देखे देखे गए थे. इससे संकेत मिल रहे हैं कि सिद्धू 2022 के लिए खुद को कैप्टन के तौर पर पेश करने का दावा कर रहे हैं. यह प्रदेश वही है जहां पर प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ विधायक हैं. ऐसे में सिद्धू के पोस्टर से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद वह प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं. इसी पद के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह इस पद पर नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं देख सकते हैं.
दरअसल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर यदि नवजोत सिंह सिद्धू को नियुक्त किया जाता है तो उससे कांग्रेस के अंदर तकरार और ज्यादा बढ़ जाएगा. इसके अलावा 2022 के मिशन भी खटाई में पड़ सकती है.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू को राष्ट्रीय स्तर पर पद की भी पेशकश की गई थी. जिसे नवजोत सिंह सिद्धू ने ठुकरा दिया यूपी में ही दिलचस्पी रखते हैं.