अनुच्छेद 370 हटने का दिखने लगा असर, पाकिस्तानी-आतंकी संगठनों के झंडे लहराना बंद, अलगाव वादियों के थम गए सुर

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद अब कश्मीर घाटी में दीवारों पर आतंकी सरगना ओके नाम नजर नहीं आ रहे हैं. अब किसी में पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के झंडे लहराने की हिम्मत नहीं दिख रही है. अब पाकिस्तान परस्त अलगाववादियों के एलान पर हड़ताल, गुजरे जमाने की बात लग रही है.

वह आतंकी सरगना जो अक्सर कश्मीरी युवाओं को मुख्यधारा से भटकाने की कोशिश करते थे, 2 सालों में मारे जा चुके हैं. हर तरफ से शांति और चैन का पैगाम देखने को मिल रहा है. वही दूसरी ओर अब ना तो आतंकी संगठन नए युवाओं को भर्ती कर पा रही है और ना ही हथियारों की पूर्ति ही उन्हें हो पा रही है.

एक दौर ऐसा भी था जब आतंकवाद के गढ़ कहे जाने वाले दक्षिणी पर कश्मीर के पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां जैसे जगहों पर आतंकी संगठनों का जबरदस्त वर्चस्व था. पर अब वक्त के साथ यह सारी चीजें धूमिल हो चुकी है.

एक वक्त ऐसा था जब किसी आतंकी के मारे जाने के बाद उनके जनाजे में एक हुजूम उमड़ पड़ता था. कहीं-कहीं तो गन सलूट की भी परंपरा हो चली थी. जुमे की नमाज के बाद पाकिस्तान आईएसआई व अन्य आतंकी संगठनों के झंडे कई जगह लहराए जाते थे. पर अब वहां के युवाओं को पता चल चुका है कि इन चीजों से उन्हें कोई लाभ नहीं होने वाला.

एक दौर में आतंकियों की गोली का शिकार बने आम नागरिक हो या फिर सुरक्षाबलों के जवान, उनके जनाजे में रिश्तेदार के अलावा और कोई नहीं जाता था लेकिन अब लोगों का हुजूम बेखौफ होकर जुड़ रहा है.

कश्मीरियत और हुई मजबूत

कश्मीर तो अपनी कश्मीरियत और खूबसूरती के लिए जाना जाता है. परंतु इन 2 सालों में. कश्मीरी पंडितों के जनाजे में कश्मीरी मुसलमान बड़े वक्त के साथ शरीक होते हैं. आपस में सुख दुख और भाईचारा बांटते हैं. वहां अक्सर कई मौकों पर ऐसा भी लिखा गया है कि मुसलमानों ने कश्मीरी पंडितों का अंतिम संस्कार किया है. इस बात का द्योतक है कि वादी में भाईचारा और खूबसूरती दोनों बढ़ रही हैं.

About dp

Check Also

3GB प्रतिदिन डाटा के साथ यह रिलायंस जिओ के कुछ सस्ते प्लान, पढ़ें पूरी खबर

नए साल के अवसर पर सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने अपने ग्राहकों को लुभाने की कोशिश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *