उत्तर प्रदेश को लेकर बीजेपी और संघ के बीच चल रहे मैराथन बैठकों के बीच अब दांवपेच का दौर है. सबसे पहले यह बैठक लखनऊ में हुई. उसके बाद दिल्ली और फिर प्रधानमंत्री के आवास पर. इन मैराथन बैठकों के बाद अब खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश भाजपा ने अपने फेसबुक और ट्विटर के बैनर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो हटा दिया है.
इस घटना से कई तरह के सवाल सामने खड़े हो चुके हैं. क्या योगी आदित्यनाथ ने भाजपा सुप्रीम नरेंद्र मोदी से बगावत कर ली है? जिस नरेंद्र मोदी के नाम पर पूरे देश में भाजपा वोट मांग कर अपना परचम लहरा रही है> क्या उनको बैनर से हटाना सही होगा? क्या इस बार नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर योगी सरकार अपने दम पर उत्तर प्रदेश में जीत का परचम लहराने की तैयारी कर रही है? काफी सारी राजनीतिक विश्लेषक इन प्रश्नों को अपने तरीके से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
इन सारे प्रश्नों का उत्तर चलिए हम देते हैं. बैनर से प्रधानमंत्री मोदी को हटाने का एक संकेत यह हो सकता है कि इस बार उत्तर प्रदेश के कैबिनेट में कोई भी बड़े बदलाव देखने को नहीं मिल सकते है. क्योंकि पोस्टर से किसी का फोटो निकलवाना सिर्फ योगी आदित्यनाथ के बस की बात नहीं है. क्योंकि यह फैसला पूरी पार्टी और संघ के लोग करते हैं. तो इसलिए दोनों के बीच मनमुटाव है यह कहना पूरी तरह से तर्कहीन बात होगी.
वहीं दूसरी और 2 दिन पहले योगी आदित्यनाथ जी का जन्मदिन था जिस पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने ट्वीट करके उन्हें बधाई नहीं दी थी. गौरतलब है कि विपक्ष पार्टी के नेताओं के जन्मदिन पर भी प्रधानमंत्री मोदी उन्हें बधाई देते हैं और पिछले 2 वर्षों में भी मोदी ने योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर ट्वीट करके बधाई दी थी. पर वही खबरों के मुताबिक उन्होंने उनके जन्मदिन के सुबह ही उन्हें फोन करके बधाई दे दी थी. तो इस बात से साफ है कि दोनों के बीच कोई भी मनमुटाव की स्थिति फिलहाल नहीं है.
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का नेतृत्व योगी आदित्यनाथ स्वतंत्र रूप से करेंगे.