अभी हाल ही में मणिपुर से इजरायल जाने के लिए 200 से अधिक लोगों का जमावड़ा दिल्ली पहुंच चुका था. लेकिन कोरोना की वजह से यह लोग नहीं जा सके. इन लोगों के जांच के बाद मालूम चला कि इनमें से 40 लोग पॉजिटिव हैं. सभी को गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में बने श्री गुरु तेग बहादुर कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया है.
इस घटना से अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर इतना बड़ा जत्था इसराइल क्यों जाना चाह रहा है?
इजराइल से क्या है कनेक्शन
इसराइल जाने के लिए निकले यह सभी बिनाई मेनाशे समुदाय से हैं. देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर और मिजोरम में बीनेई मेनाशे समुदाय के दस हजार से अधिक यहूदी लोग रहते हैं। बीनेई मेनाशे समुदाय के इन लोगों का मानना है कि इनका नाता मेनाशे समुदाय से है जो इजरायल की 12 गोत्रों में से एक है का. पिछले दो दशक में काफी संख्या में यहां से यहूदी समुदाय के लोग इजरायल गए हैं.
समुदाय वालों की वहां जाकर बसने की इच्छा है. और बड़ी बात तो यह है कि इजरायली सरकार की ओर से उन्हें नागरिकता भी प्रदान की जा रही हैं. मणिपुर के चुराचांदपुर जिले से काफी संख्या में यहूदी समुदाय के लोग वहां जाकर बस भी चुके हैं. इन लोगों में से कइयों का मानना है कि इनके पूर्वज इसराइल के ही हैं और वह वहां बसना चाहते हैं.
इस बात की जानकारी वर्षों पहले से
गौरतलब है कि इनके यहूदी संबंधित 1950 के दशक से ही स्पष्ट हो गया थे. कई लोगों ने तो 1970 के दशक में मणिपुर में ही यहूदी धर्म को अपनाना भी शुरू कर दिया था. मैंने आपसे जनजाति के कई लोगों का मानना है कि सदियों पहले पूर्वोत्तर भारत और इस क्षेत्र से सटे देशों में आकर उनके पूर्वज यहीं बस गए थे. इनमें से कई लोग तो चीन होते हुए यहां आए थे.
इसराइल क्यों दे रहा नागरिकता
पूर्वोत्तर भारत में बिनाई मेनाशे पूर्वोत्तर भारत में बीनेई मेनाशे समुदाय से 160 यहूदी सोमवार को इजरायल पहुंचे जबकि 40 सदस्यों के कोविड-19 संक्रमित पाये जाने के कारण115 अन्य भारत में रह गये। भारत से कुल 275 यहूदियों को सोमवार को इजरायल जाना था। गैर सरकारी संगठन शावी इजरायल गुम हो रही इस प्रजाति के यहूदियों (जो इजरायल आने को उत्सुक हैं) को वापस लाने की मुहिम चला रहा है। उसने इजरायल में रह रहे नी मेनाशे समुदाय के अधिकतर सदस्यों के अलियाह (आव्रजन) से समन्वय किया।