पंजाब में होने वाले अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए सोनिया गांधी ने एक बहुत बड़ा दांव खेला है. आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सोनिया गांधी जानती हैं कि कैप्टन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की दूरियों को अगर खत्म नहीं किया जाएगा तो पंजाब में आगे का रास्ता उनके लिए काफी मुश्किल भरा हो जाएगा.
पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी जानती है कि अगर चुनाव से पहले कैप्टन और सिद्धू के बीच का मनमुटाव दूर नहीं किया कि पंजाब में कांग्रेस को झटका लग सकता है और कांग्रेस चुनाव हार सकती है. ऐसे में सोनिया पंजाब सरकार के स्थिति को देखते हुए पंजाब में बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं.
गौरतलब है कि अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. और इस वक्त राजस्थान के कांग्रेस पार्टी के खेमे में स्थिति सामान्य नहीं है. ऐसी स्थिति में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को आगे भेज कर स्थिति को सामान करने और परिस्थिति को संभालने किया आगे किया है.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इन चुनाव को लेकर रणनीति बना रही हैं. पिछले कई चुनाव में कांग्रेस की दुर्दशा को देखकर कांग्रेस प्रतिनिधि इस बार कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते और हर मोर्चे पर अपनी स्थिति दुरुस्त कर रही हैं.
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यूपी में, 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी से गठबंधन के भी बारे में सोच रही है. वहीं दूसरी ओर इसके कुछ नेता इस बात के खिलाफ हैं. और कह रहे हैं कि कांग्रेस को बड़ी पार्टियों को छोड़कर छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियों पर फोकस करना चाहिए. जिससे कि कांग्रेस की साख मजबूत हो सके.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की यह तिकड़ी आगामी चुनाव में कामयाब हो पाते हैं या नहीं. अगर यह रणनीति चल गई तो कांग्रेस के भविष्य के लिए यह बहुत अच्छा होगा क्योंकि वर्तमान समय में कांग्रेस पर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाए जो कि उनके लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है.