भारत में अंधविश्वास दो प्रकार होता है पहला जो हिन्दू धर्म से जुड़ा हो दूसरा जो गैर हिन्दू धर्म से जुड़ा हो. गैर हिन्दू धर्म से जुड़े अंधविश्वास पर कोई बात नहीं करता. सबसे हैरानी की बात तो यह है की हमने असम में यह अंधविश्वाश राजनैतिक मंच पर दिखना शुरू हो चूका हैं.
असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कांग्रेस ने कट्टरवादी एआईयूडीएफ प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल के साथ गठबंधन कर लिया हैं. इस गठबंधन के खिलाफ कांग्रेस के ही कई नेताओं ने ऐतराज़ जताते हुए कहा है की यह गठबंधन कांग्रेस की सेक्युलर इमेज को बर्बाद करेगा जो भारत के अन्य हिस्सों में होने वाले चुनावों को प्रभावित करेगा.
अब खबर है की असम में मौलाना बदरुद्दीन अजमल एक सभा कर रहे थे. इस सभा में वह लोगों से आग्रह कर रहे थे की आखिर क्यों लोगों को असम में कांग्रेस और एआईयूडीएफ की सरकार चाहिए. इस सभा में एक हैरान करने वाला वाक्या भी हुआ, जिसमें मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने पानी के कुछ प्यालों में थूक दिया और फिर पानी से भरे उन प्यालों को लोगों तक पीने के लिए पहुँचाया गया.
इस पानी को चमत्कारी पानी का नाम देते हुए राजनितिक मंच पर जो देखने को वो भारत के इतिहास में सबसे हैरान करने वाला वाक्या था. लोगों का मानना है की मौलाना बदरुद्दीन अजमल के द्वारा दिए हुए इस पानी से हमारी बीमारियां दूर हो जाती हैं. लोगों ने कहा की इस पानी को लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते है जबकि मौलाना बदरुद्दीन अजमल के रहम से हमें यही मिल गया हैं.
असम की पॉलिटिक्स मौलाना बदरुद्दीन अजमल के इर्द गिर्द ही घूमती है. राहुल गाँधी ने तो मौलाना बदरुद्दीन अजमल को असम की पहचान तक बता डाला था. 17वीं लोकसभा के सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल का परफ्यूम और सेंट का भी कारोबार है. 2019 लोकसभा चुनाव में यह असम के धुबरी सीट से ‘आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ पार्टी के टिकट से चुनाव जीते है हालाँकि यह पार्टी उनकी अपनी है.