किसान आंदोलन किस बात को लेकर शुरू हुआ था? यह सवाल किसान समर्थकों को खुद से पूछना चाहिए. किसान आंदोलन की शुरुआत MSP पर लिखित आश्वाशन से हुआ था, यानी किसानों की मांग थी की MSP बंद नहीं होगी सरकार हमें इसपर लिखित में आश्वाशन दे दें.
उसके बाद इनकी एक और मांग बड़ी और कहा की किसानों के बिजली के बिलों पर मिलने वाली सब्सिडी ऐसे ही मिलती रहे. सरकार ने इस मांग को भी मान लिया, उसके बाद किसान नेताओं ने कहा की अगर कोई किसान पराली जलाता है तो उसपर आपराधिक केस दर्ज़ न हों. सरकार ने पर्यावरण की रक्षा का ख्याल भुलाते हुए किसानों की यह मांग को भी मान लिया.
जब सारी मांगे मान ली गयी तो फिर बिल वापिस लो का नारा देते हुए किसान नेता आगे बढ़ते चले गए. विरोध किसानों और सरकार का था, लेकिन इस आंदोलन को हिन्दू बनाम सिख होने में ज्यादा समय नहीं लगा. हमने फ्री का लंगर खिलाया, हम अन्नदाता, टक्के-टक्के में बिकती थी हिन्दुवों की औरतों वाले बयान ने इस आंदोलन से हिन्दू किसान अलग हो गए.
वह समझ चुके थे की यह आंदोलन खालिस्तानियों की साजिश हैं, सरकार जैसे-जैसे इनकी बातों को मानती चली जाएगी यह वैसे-वैसे अपनी मांगों को बढ़ाते चले जाएंगे. खैर लेकिन अब 26 जनवरी को तो जो हुआ सो हुआ उसके बाद Tata AIG General Insurance Company Limited के Sales Manager के पद पर काम करने वाले हरसाहिब सिंह (Harsahib Singh) नाम के व्यक्ति ने नरेंद्र मोदी को इंदिरा गाँधी की तरह मारने की धमकी दे डाली हैं.
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— Shimorekato (@iam_shimorekato) January 26, 2021
हरसाहिब सिंह ने ‘Faad Dunga BC’ नाम के एक प्रोडी ट्वीटर अकाउंट की एक पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा है की, “कोई न भाई टेंशन न ले मोदी का नंबर भी आने वाला हैं. जिस तरह गाँधी को पेला था न देश तोड़ने वाले मोदी का भी वैसे ही हसर होगा.” इस ट्वीट के बाद लोगों का गुस्सा फुट गया वह ट्विटर पर @TATAAIGIndia को टैग करते हुए उनसे कार्यवाही करने की मांग कर रहें हैं. फिलहाल अभी तक TATA समूह से किसी प्रकार का कोई एक्शन नहीं लिया गया और न ही उनकी तरफ से इस बारे में जवाब आया हैं.