हमारे हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का एक काफी विशेष महत्व बताया गया है वहीं विजय एकादशी का व्रत आज 27 फरवरी के दिन रविवार फाल्गुन महीने की एकादशी तिथि को रखा जाना है वहीं फाल्गुन मास में दो एकादशी है! पहले एकादशी कृष्ण पक्ष में यानी कि आज है! जिसे विजया एकादशी कहते हैं वहीं दूसरी एकादशी शुल्क पक्ष में आती हैं जिसे आमलकी एकादशी कहा जाता है! वही विजया एकादशी पर इस बार भगवान विष्णु की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग में होगी!
वही बता दें कि विजया एकादशी का व्रत 27 फरवरी 2022 दिन रविवार को है और इसका पारणा मुहूर्त 28 फरवरी 2022 दिन सोमवार की सुबह 6 बजकर 47 मिनट से 9 बजकर का 6 मिनट तक रहेगा!
विजया एकादशी पर तो सब लोगों का सहयोग भी बन रहा है वही पहला प्रयोग है कि सर्वार्थ सिद्धि योग और दूसरा त्रिपुर और यह दोनों ही योग 27 फरवरी की सुबह 8:00 बचकर 49 मिनट पर शुरू हो जाएंगे और अगले दिन तक जहां सर्वार्थ सिद्धि योग 6 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा वहीं त्रिपुष्कर योग 5 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगा!
विजया एकादशी व्रत के नियम
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें वहीं इसके बाद एकादशी व्रत का संकल्प कर ले! पूजा प्रारंभ करें और इस दौरान एक वेदी बनाकर उस पर 7 तरीके के अनाज रखें और इसके बाद इस विधि के ऊपर एक कलश की स्थापना कर दें और इस वेदी पर आम या फिर अशोक के पास पत्र लगाएं इसके अलावा इस वेदी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दे!
वही पूजा में भगवान विष्णु को पीले फूल फल और तुलसीदल अर्पित करें इसके बाद पूजा के बाद ही फलाहार ग्रहण कर सकते हैं! वहीं रात्रि में जागरण कीजिए और भगवान से अपने दुखों के समापन होने की मनोकामना पूर्ति की कामना करें वही अगले दिन किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और उन्हें अपनी शक्ति अनुसार दान दें इसके बाद ही ही खुद के व्रत का पारण करें!
विजय एकादशी के दिन यह सभी उपाय करें हर काम में सफलता मिलती है वही सूर्यवंशी भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा करें और इस दिन की पूजा में भगवान विष्णु को 11 केले, 11 लड्डो और लाल फूल चढ़ाए वही तांबे के लोटे में गंगा जल शुद्ध जल के लाल लाल मिर्च बीज डाले और सूर्य को अर्घ्य दें!