आपको बता दिया जाए कि पीले रंग का रत्न पुखराज का रत्न होता है। कहा जाता हैं कि यह रत्न बृहस्पति ग्रह का है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थिति में शामिल होता है तो उसके लिए पुखराज बहुत ही फलदायी साबित हो सकता है। जिन लोगों को पुखराज फल देता हैं उन्हें धन-संपत्ति, करियर,शिक्षा के साथ मान-सम्मान भी प्राप्ति होने लगती है। ये भी पढ़े- iPhone 14 की पहली डिजाइन आई दुनिया के सामने, पहली वीडियो देख फैंस बोले : वाह Apple मौज कर दी….
आमतौर पर लोगों के विचार यह होते हैं कि पुखराज कोई भी धारण कर सकता हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है जिस तरह पुखराज धारण करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। वहीं कई लोगों के लिए यह हानिकारक साबित होता भी दिखाई देता है। धनहानि के साथ कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। जानिए किन लोगों को पुखराज पहनना चाहिए और किन लोगों को पुखराज पहनना ज़रूरी नहीं होता है।
मेष राशि
जानकारी दे दिया जाए कि मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है और मंगल और गुरु के बीच अच्छे संबंध माने जाते हैं। इसके अलावा मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव पर गुरु का भी प्रभाव पहले से मौजूद रहता है। इसलिए मेष राशि वालों को पुखराज पहनने से अच्छा साबित हो सकता हैं।
वृष राशि
बता दिया जाए कि वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और इस ग्रह का गुरु के साथ सामान्य संबंध भी देखा जाता है। अगर वृष राशि के जातकों की कुंडली में गुरु दूसरे, चौथे, पांचवे, नौवे, दसवें और ग्यारहवें भाव में शामिल रहते है तो व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलता नज़र आता है। इसलिए इस राशि के जातक ज्योतिष से पूछकर पुखराज धारण कर सकते हैं और यह भी अच्छा साबित हो सकता हैं।
मिथुन राशि
आपको बता दे मिथुन राशि का स्वामी बुध है। गुरु और बुध के बीच न ही अच्छे संबंध माने जाते है और न ही बुरे संबंध माने जाते हैं। आपको बता दे अगर जातक की कुंडली में गुरु दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें और आठवें भाव पर नज़र आता हैं तो पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं। लेकिन सप्तमेश और मारकेश होने के कारण पुखराज को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और यह कभी कबार हानिकारक भी साबित होता हैं।
कर्क राशि
आपको बता दिया जाए कि कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसके गुरु के साथ शांत और सौम्य संबंध माने जाते है। वहीं अगर जातक की कुंडली में गुरु छठे और नौवे भाव पर मौजूद रहते हैं तो पुखराज पहनने से लाभ मिलने की संभावना रहती है। व्यक्ति को पेट, हार्ट और श्वास संबंधित रोगों में लाभ मिलने की संभावना जताई जाती हैं। लेकिन अगर कुंडली में गुरु षष्ठेश यानि अकारक अवस्था में तो इसे अकेले कभी नहीं पहनना चाहिए। बल्कि अगर आप पुखराज पहनना ही चाहते हैं तो फिर गुरु यंत्र के साथ पहनना चाहिए। इससे इसके बुरे प्रभाव खत्म हो जाते हैं।
सिंह राशि
बता दिया जाए कि सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। सूर्य और गुरु दोनों एक-दूसरे से मैत्री संबंध रखते दिखाई हैं। गुरु पांचवे और आठवें भाव का स्वामी माना जाता है। ऐसे में सिंह राशि के जातकों को पुखराज पहनना फायदेमंद साबित हो सकता हैं। ज्योतिष से पूछकर आप चाहे तो सूर्य के रत्न माणिक्य के साथ पुखराज धारण कर सकते हैं। इससे आपको दोगुना लाभ मिलने की संभावना जताई जाती हैं।
वृश्चिक राशि
बता दिया जाए कि वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल माना जाता है। गुरु और मंगल दोनों मैत्री संबंध रखते नज़र आते हैं। इस राशि के लोग लाल मूंगा के साथ पुखराज पहन सकते हैं। लेकिन वृश्चिक राशि में अगर गुरु द्वितीयेश भाव में हैं तो यह प्रबल मारकेश भी साबित हो सकता है। ऐसे में पुखराज पहनना हानिकारक भी साबित हो सकता हैं। अगर आप इस अवस्था में पहनना चाहते हैं तो गुरु यंत्र के साथ भी पहन सकते हैं।
धनु राशि
जानकारी दे दिया जाए कि धनु राशि में गुरु प्रथम और चौथे भाव का स्वामी माना जाता है। ये स्थान बेहद शुभ माना जाता है। अतः धनु राशि वाले जातको को पुखराज अवश्य पहनना चाहिए। इससे आपको शारीरिक और मानसिक लाभ मिलने की संभावना है।
मीन राशि
बता दिया जाए कि मीन राशि में गुरु प्रथम और दसवें भाव का स्वामी माना जाता है। ऐसे में यह काफी शुभ फल देने के लिए जाने जाते हैं। बता दे इस राशि के जातकों को जरूर पुखराज रत्न पहनना करना चाहिए। इससे मन का शरीर के साथ ताल्लुक बनता है और करियर में लाभ मिलता साबित होता है।
कन्या राशि
जानकारी दे दिया जाए कि कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। बुध और गुरु के बीच मैत्री संबंध बिल्कुल भी नहीं माने जाते हैं। इसके साथ ही गुरु इस राशि के चौथे और सातवें भाव का स्वामी भी माना जाता है। चौथे घर का संबंध माता, भूमि, भवन, वाहन और सुख से होता हुआ दिखाई देता है। जबकी सातवां घर जीवनसाथी का और मारकेश होता नज़र आता है। इसलिए इस राशि के जातकों को पुखराज बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए।
तुला राशि
जानकारी दे दिया जाए कि तुला राशि के तीसरे और छठे घर का स्वामी गुरु माना जाता है। जबकि तुला राशि का स्वामी शुक्र भी है। वहीं गुरु और शुक्र के बीच शत्रुता का संबंध भी बनाते हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को पुखराज बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए। इस राशि के जातकों ने अगर पुखराज धारण किया तो पेट संबंधी समस्याएं देखने को मिलेगी।
कुंभ राशि
बता दे कि कुंभ राशि का स्वामी शनि ग्रह है। इस राशि में गुरु प्रबल मारकेश और एकादशेश होने के कारण अकारक ही साबित हो सकता है । इस कारण कुंभ राशि के लोगों को भी पुखराज रत्नबिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए।