हम सभी जानते हैं कि भारत में चाणक्य को खूब माना जाता है. चाणक्य का भारत में जितना सम्मान और आदर आज भी किया जाता है शायद ही उस काल के किसी व्यक्ति का किया जाता हो. चाणक्य की रचना अर्थशास्त्र की सहायता आज भी कई कामों में लोगों द्वारा ली जाती है. आज हम आपको चाणक्य की रचना अर्थशास्त्र से जुड़े कुछ तथ्य बताने जा रहे हैं. चाणक्य के चाणक्य नीति का भारत में बहुत महत्व है.
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हम आपको बता दें कि चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में यह लिखा है कि धन के मामले में व्यक्ति को हमेशा जागरूक और गंभीर रहना चाहिए. जीवन में लक्ष्मी जी की कृपा व्यक्ति के जीवन को सुगम बनाती है. हम आपको बता दें कि चाणक्य, कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है. चाणक्य नीति के अनुसार मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है था और भौतिक युग में धन का विशेष महत्व है. मां लक्ष्मी को वैभव की देवी भी कहा गया है.
चाणक्य अपने चाणक्य नीति में लिखते हैं कि जो भी लोग अपने कार्य को अपने समय से पूरा करते हैं उन पर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. समय पर कार्य पूर्ण करने वालों को समाज में काफी सम्मान भी मिलता है.
चाणक्य नीति में चाणक्य आगे लिखते हैं कि मां सरस्वती सदैव आलस का विरोध करती है. तथा जो लोग आलस्य से चारों तरफ से जकड़े रहते हैं और अपने कार्य को कल पर डालते रहते हैं. ऐसे लोगों को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद कभी प्राप्त नहीं होता है. अंत में चाणक्य, चाणक्य नीति के जरिए यह कहते हैं कि जो लोग भी जीवन में क्रोध और अहंकार करते हैं, उन्हें महालक्ष्मी कभी भी अपना आशीर्वाद नहीं देती है. यदि आपको जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो अपने क्रोध और अहंकार को शांत रखना होगा.