जैसा की हम सभी जानते है देश के विख्यात उद्योगपति मुकेश अंबानी अक्सर अपने दूरगामी फैसलों के लिए ही जाने जाते हैं। मुकेश अंबानी कई बार ऐसे फैसले ले लेते हुए दिखाई देते है जिससे, भविष्य में उनके बिजनेस के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं। See More- इस बड़ी वजह के कारण Ranbir Kapoor और Alia Bhatt को Mouni Roy की शादी में घुसने नही दिया जाएगा,जाने क्यों
हाल ही में मुकेश अंबानी ने ब्रिटेन में 10 करोड़ पाउंड यानी 10 अरब रुपए से ज्यादा का सोडियम खरीदकर दुनिया को हैरान में डाल दिया है। ऐसे में दुनिया के कई बुद्धिजीवी भी इस बात को लेकर काफी ज्यादा अचंभित है कि आखिर मुकेश अंबानी ने 10 अरब रुपए का सोडियम किस वजह से खरीदा है।
अंबानी के इस कदम से लोग इसलिए हैरान
आपको जानकारी दे दिया जाए कि अंबानी द्वारा 10 अरब रुपए के सोडियम खरीदने के फैसले पर दुनिया इसलिए हैरान होतीं दिखाई दे रही है क्योंकि फिलहाल स्मार्टफोन से लेकर इलेक्ट्रिक कार तक हर जगह लिथियम आयन बैटरी शामिल दिखाई दे रही है। ऐसे में यदि एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने इंग्लैंड में सोडियम बैटरी बनाने में निवेश करने का निर्णय लिया है तो यह बड़ा ही दूरगामी फैसला साबित हो सकता है।
लिथियम का सबसे बेहतर विकल्प सोडियम
जानकारी दे दिया जाए कि मुकेश अंबानी अपने पावर स्टोरेज गीगाफैक्ट्री के लिए सोडियम को लिथियम से बेहतर विकल्प मानते नज़र आ रहे हैं। जैसा कि हम सभी जानते है धरती पर सोडियम की उपस्थिति लिथियम से 300 गुना अधिक है।
फिलहाल दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है और इसके कारण न केवल लिथियम बल्कि उच्च ग्रेड निकल, कोबाल्ट और ऊर्जा को स्टोर करने वाली हर धातु का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी में करता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में इन धातुओं की कीमत में भी उछाल आते दिखाई दे रहा है, दरअसल इन चीजों की उपलब्धता धीरे-धीरे घाटती जा रही हैं।
2030 तक 5 गुना होगी धातुओं की मांग
जानकारी दे दिया जाए कि कई रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि लिथियम-आयन बैटरी बनाने के लिए धातु की मांग 2030 तक 5 गुना तक बढ़ती हुई नज़र आने वाली है। साल 2022 में बैटरी की कीमत में वृद्धि देखने को मिलेगी। अंबानी का फ्लैगशिप कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 76 अरब डॉलर के स्वच्छ ऊर्जा कारोबार पर बड़ा दांव लगाती हुई नज़र आ रही हैं।
जानकारी दे दिया जाए कि मुकेश अंबानी ऐसी तकनीक पर काम करते नज़र आ रहे है, जो पारंपरिक लेड-एसिड बैटरी जितनी सस्ती होती और इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री आसानी से प्राप्त हो सके।
सोडियम कारोबार को लेकर जानकारों की राय
आपको बता दिया जाए कि यूके स्थित वेंचर कैपिटल लिस्टर अश्विनी कुमार स्वामी ने यह खुलासा करते हुए कहा है कि अगर सभी बैटरी निर्माता लिथियम पर दांव लगाना शुरू कर देते है, तो यह लंबे समय तक काम नहीं करने वाला है। इसके अलावा दुनिया में कोबाल्ट का भंडार भी बहुत बड़ा नहीं है उसकी स्तर भी घटती जा रही हैं।
इसलिए सोडियम पर कई कंपनियां आपस में विचार कर सकती हैं। सोडियम आयन बैटरी के बारे में बताया जाए तो प्रति किलोग्राम 160-170 वाट प्रति घंटा ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। नई तकनीक के आने से सोडियम की क्षमता 200 वाट प्रति घंटा होते हुए दिखाई दी हैं।