जब Amitabh Bachchan दर्द में बुरी तरह से कहराते हुए पहुंचे Indira Gandhi के पास, बोले आंटी में नहीं सो नहीं सकता,मिला ये जवाब

आपको बता दिया जाए कि बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री में अमिताभ के योगदान को कोई नही भुला सकता। जी हां आप बिल्कुल सही सुन रहे है यह उनके किरदार और योगदान का ही परिणाम मिला है। जिसकी वज़ह से उन्हें बिग-बी के नाम से पहचान हासिल हैं। आपको बता दिया जाए कि अभिनेता अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक कहा जाता है। यह आप भी जानते और समझते हैं, लेकिन अमिताभ के जीवन में कई बार उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता हैं। ये भी पढ़े- उर्फी जावेद ने UP के CM योगी आदित्यनाथ के साथ अटैंड की ऑफिशियल मीटिंग?

आपको बता दिया जाए कि मालूम हो कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ के जीवन में एक बार ऐसा दौर भी आया। जब वो आर्थिक रूप से जूझ रहे थे। साल 1973 में आई उनकी फ़िल्म ‘कुली’ के बारे में आपको सभी को पता ही होगा।

आपको बता दिया जाए कि यह फ़िल्म भले ही जबरदस्त तरीके से हिट साबित हुई थी। लेकिन इस फ़िल्म ने अभिनेता अमिताभ बच्चन को काफ़ी भयानक दौर से भी गुजरने पर मजबूर किया था। तो वो क्या था किस्सा और कैसे उससे प्रभावित हुई थी बिग बी यानी अमिताभ बच्चन की जिंदगी आइए जानते है।

आपको बता दिया जाए कि साल 1973 में आई फ़िल्म ‘कुली’ में अमिताभ लीड रोल निभा रहें थे और इसी दौरान फिल्म की शूटिंग के समय एक ऐसा हादसा हो गया था, जिसमें अमिताभ की जान बचती हुई दिखाई दी थी। आपको जानकारी दे दिया जाए कि इस फिल्म की शूटिंग के समय एक फाइटिंग सीन में अमिताभ को बहुत ज्यादा गहरी चोट लग गई थी जिसकी वजह से उनकी आंतें फट गई थीं।

आपको बता दिया जाए कि जिसके बाद उन्हें शुरुआती इलाज के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया था। जहां तमाम नामी-गिरामी डॉक्टर उनका इलाज करते नज़र आ रहे थे।

जानकारी दे दिया जाए कि इंदिरा के परिवार के साथ बच्चन परिवार की उस वक़्त काफ़ी नजदीकियां थी। ऐसे में जब अमिताभ बच्चन को चोट लग गई थी। उस समय इंदिरा गांधी बेटे राजीव के साथ एक आधिकारिक दौरे पर अमेरिका में मौजूद थी और जब उन्हें इस बात का पता चला तब वह भारत आ पहुँची। बता दे इसके बाद वो जैसे ही भारत वापस लौटीं, बेटे राजीव और बहू सोनिया के साथ मुंबई पहुंच गईं थी।

आपको बता दिया जाए कि इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई अपनी किताब ‘नेता-अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में लिखकर बताते हैं कि इंदिरा गांधी ने अपने मित्र को खत में लिखा था कि, “वे उस दौरान लॉस एंजिल्स में मौजूद थी, जब उन्हें खबर मिली कि अमिताभ की हालत बेहद खराब है। अगर वे भारत में होती तो उनका पूरा परिवार मुंबई में उनके साथ होता।”

आपको जानकारी दे दिया जाए कि जिस वक्त इंदिरा हॉस्पिटल पहुंचीं उस वक्त अमिताभ बच्चन के ससुर तरुण कुमार भादुड़ी वहां पहले से मौजूद थे।

जानकारी दे दिया जाए कि इसके अलावा दूसरी तरफ, अमिताभ बेड पर लेटे हुए थे। उनके शरीर पर तमाम ट्यूब लगे हुए थे। अपनी किताब में राशिद किदवई लिखते हैं कि अमिताभ ने इंदिरा गांधी से कहा कि, “आंटी मैं दर्द के कारण सो नहीं पा रहा हूं… यह सुनकर इंदिरा की थी आँखे नम हो गई और उन्होंने अमिताभ को दिलासा देते हुए कहा मुझे भी कभी कभी सोने में परेशानी होती हैं … इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है।”

आपको बता दिया जाए कि उस दौरान प्रथमदृष्टया ऋषि कपूर के साथ फिल्म के दूसरे कलाकारों ने इसे मजाक समझा था, लेकिन जब सबको सच्चाई पता चली तो सभी चिंतित होने लगे थे।

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