Rahul Gandhi Mystery: SC ने शनिवार 9 नवंबर को अयोध्या राम जन्म भूमि विवाद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। SC के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (रंजन गोगोई, CJI) ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। अब रंजन गोगोई का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। लेकिन ऐसी कयास लगाए जा रहे हैं कि राम मंदिर पर फैसला देने के बाद अब रंजन गोगोई (CJI) अपने कार्यकाल की समाप्ति से पहले राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मुक़दमे में भी फैसला सुना सकते हैं। दरअसल राहुल गांधी का मामला लोकसभा चुनाव (लोकसभा चुनाव 2019) के समय का है।
चुनावो के दौरान राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट (SC) को राफेल मामले में “चौकीदार चोर है” से जोड़ दिया था। इसके बाद BJP MP मीनाक्षी लेखी ने उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर दी थी।
BJP MP मिनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि अपने बयान को लेकर राहुल गांधी ने सिर्फ खेद प्रकट किया है, माफ़ी नहीं मांगी है। जबकि राहुल को अपने बयान पर मांफी मांगनी चाहिए। इसके बाद अदालत ने राहुल गांधी को अवमानना नोटिस जारी कर दिया था। हालांकि लोकसभा चुनावो के चलते, सुप्रीम कोर्ट ने गांधी को कोर्ट में पेशी से छूट की राहत प्रदान की थी।
बता दें कि राफेल मेमोरियल मामले में गड़बड़ी के आरोप वाली पुर्विचार याचिका दायर की गई थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार करते हुए जाने पर राहुल गांधी ने अपने एक चुनावी भाषण के दौरान कहा कि, “कोर्ट ने भी मान लिया है कि ‘चौकीदार चोर है’।” हालांकि राहुल गांधी ने इसमें पीएम मोदी (पीएम मोदी) का नाम नहीं लिया गया था।
राहुल (राहुल गांधी) के इस बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट (SC) ने उन्हें नोटिस थमा दिया था। इस नोटिस के जवाब में राहुल ने कहा कि उन्हें अपने बयान पर खेद है। राहुल के द्वारा अपने बयान पर खेद जताए जाने के बाद भी भाजपा को ख़ुशी नहीं हुई और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी के वकील ने कोर्ट में कहा कि राहुल गांधी ने अपने बयान पर सिर्फ खेद जताया, मांफी नहीं मांगी है।
इसके बाद जब मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी (मुकुल रोहतगी) से सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पूछा कि चौकीदार कौन है? इसके जवाब में रोहतगी ने कहा था कि, राहुल गांधी देश की जनता से यह कह रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ही ‘चौकीदार चोर’ हैं।
इसके जवाब में राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी के बारे में इस बयान पर खेद है। लेकिन लोकसभा चुनाव होने की वजह से इस मामले को बेवजह ही खींचा जा रहा है। अब इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यह देखने वाली बात होगी।