भाजपा को स्पष्ट बहुमत न मिलने का कारण, अमित शाह का जादुई नेतृत्व का अभाव और …

Haryana Election 2019: हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे सामने आ गए हैं। हरियाणा राज्य की बात करें तो यहां भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी लेकिन बीजेपी को यहां झटका लग गया। एग्जिट पोल से इतर पार्टी को यहां बहुमत नहीं मिल सका और कांग्रेस 31 सीटें पाकर उसके मुकाबले खड़ी हो गई जबकि भाजपा के हिस्से में 40 सीटें आई हैं। आइए हम आपको तीन कारण बताते हैं जिनकी वजह से भाजपा हरियाणा में बहुमत नहीं पा सकी। इनमें दूसरा कारण सबसे खास है।

भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में स्पष्ट बहुमत न मिलने का पहला कारण जमीनी मुद्दों से भटकाव रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में अपने पुराने अंदाज में ही प्रचार किया लेकिन वो जमीनी मुद्दों को सही से छूना भूल गए और मात्र पाकिस्तान को सबक सिखाने के भाषण देते रह गए। हालांकि विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस होते हैं। इसी वजह से जनता को प्रभावित नहीं कर सके।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत न मिलने का दूसरा सबसे बड़ा कारण अमित शाह का जादुई नेतृत्व का अभाव है जो इस बार पार्टी को सीधे तौर पर नहीं मिल सका। अमित शाह जब भाजपा अध्यक्ष थे, तब वो चुनावों की तैयारियां बहुत पहले से शुरू कर देते थे और हर मुद्दे पर ध्यान देते थे। हालांकि इस बार अमित शाह गृह मंत्रालय में व्यस्त हो गए और बीजेपी धारदार मुद्दों को नहीं उठा सकी।

भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की तीसरी वजह सत्ता विरोधी लहर है जिसका फायदा जेजेपी और कांग्रेस पार्टी उठा ले गई। सीएम मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भी हरियाणा में माहौल बन गया था। लोगों ने उनको अपने सुख दुख में साथ नहीं पाया और विकल्प के रूप में जेजेपी और कांग्रेस को वोट देना ज्यादा ठीक समझा।

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