Supreme Court agrees hear Article 370: पुलवामा के बाद से ही जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए पर शुरू हुई बहस और इसे हटाए जाने की मांग के सवाल को लगातार उठाया जाता रहा है! पूर्ण बहुमत की सरकार क्या कर रही है? कब मिलेगी जम्मू कश्मीर को 370 आजादी?
तो आपको बता कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संविधान की धारा 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जता दी है! बता दे मुख्य न्यायाधीश राजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने अधिवक्ता और भारतीय जनता पार्टी के भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय के समक्ष याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की!
लगातार सरकार पर उठते सवालों का ये जवाब कुछ राहत तो देगा ही! आपको बता दे कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है और राज्य के लिए कानून बनाने की केंद्र सरकार की शक्ति को सीमित करता है!
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में लोकसभा चुनाव के समय में 8 अप्रैल को संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने का वादा किया था! जिसमे कहा गया था कि “हम धारा 370 पर जनसंघ के समय से अपनी स्थिति को दोहराते हैं!” जिसमे आगे कहा गया था कि पिछले पांच वर्षों में, केंद्र ने निर्णायक कार्रवाई और दृढ़ नीति के माध्यम से जम्मू और कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए “सभी आवश्यक प्रयास” किए थे!
बता दे कि धारा 370 की खास बातों में जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास दो नागरिकता होती है एक जम्मू-कश्मीर की दूसरी भारत की! कश्मीर का अलग झंडा है! वही देश के कश्मीर को छोड़कर विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है तो वहीं जम्मू-कश्मीर में यह 6 साल का होता है!