देश की इकलौती ट्रेन जिसमें फ्री में कर सकते हैं आप सफर

अगर के लिए रेल यात्रा की बात करें तो भारत में बिना टिकट यात्रा करना दंडनीय अपराध है. लेकिन क्या आपको पता है भारत में एक ऐसी भी ट्रेन है जिसमें कानूनी रूप से यात्री फ्री में सफर कर सकते हैं. जी हां, अगर आप ऐसा सुन रहे हैं तो बिल्कुल सही सुन रहे हैं. भारत में एकमात्र ऐसी ट्रेन है जिसमें यात्री बिना टिकट मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं.

कहां से कहां तक चलती है ट्रेन

बता दें कि यह ट्रेन हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बॉर्डर पर चलती है यह ट्रेन नंगल से भाखड़ा बांध तक अपनी दूरी तय करती है इस ट्रेन की खासियत यह है कि इसमें यात्रा करने वाले यात्रियों को टिकट नहीं लेना पड़ता है यह ट्रेन 25 गांव को कवर करती है. साउथ से इन 25 गांव के लोग इस ट्रेन में फ्री सफर कर रहे हैं ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जब एक तरफ देश की सभी ट्रेनों के टिकट के दाम बढ़ाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो ट्रेन में फ्री में सफर कानूनी रूप से कर रहे हैं और रेलवे इसकी इजाजत कैसे दे सकता है?

इस ट्रेन के चलने का कारण

गौरतलब है कि इस ट्रेन को चलाए जाने का सबसे बड़ा कारण यह है कि देश की भावी पीढ़ी यह जान सके कि देश का सबसे बड़ा भाखड़ा डैम कैसे बना था उन्हें मालूम हो कि इस टाइम स्कोर बनाने में किन दिक्कतों का सामना लोगों को उस समय करना पड़ा था? कौन-कौन सी चुनौतियां इस बांध को बनाने के दौरान आई थी?

बता दें कि इस ट्रेन का संचालन बीबीएमबी करता है. सबसे पहले इस ट्रेन को चलाने के लिए BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) ने चट्टानों को काटकर दुर्गम रास्तों का निर्माण किया था, ताकि निर्माण सामाग्री को डैम तक पहुंचाया जा सके.

73 वर्षों से चल रही है ट्रेन

बता दें कि इस ट्रेन को पहली बार 1949 में चलाया गया था इस ट्रेन के जरिए 25 गांव के 300 लोग प्रतिदिन सफर करते हैं इस ट्रेन से सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को होता है यह ट्रेन नंगल से टाइम तक चलती है और दिन में दो बार यह सफर तय करती है इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके सभी कुछ लकड़ी के बने हैं इसमें ना तो कोई होकर और ना ही कोई टीटी आता है.

डीजल से चलती है ट्रेन

इस ट्रेन की इंजन डीजल से चलती है 1 दिन में इस ट्रेन में 50 लीटर डीजल की खपत होती है जब एक बार इसका इंजन स्टार्ट होता है तो भाखड़ा से वापस आने के बाद ही यह बंद होता है. इसके अंदर बैठने के लिए भी लकड़ी के ही बेंच लगे हैं। इस ट्रेन के माध्यम से भाखड़ा के आसपास के गांव बरमला, ओलिंडा, नेहला, भाखड़ा, हंडोला, स्वामीपुर, खेड़ा बाग, कालाकुंड, नंगल, सलांगड़ी, लिदकोट, जगातखाना, परोईया, चुगाठी, तलवाड़ा, गोलथाई के लोगों का यहां आने जाने का एक मात्र साधन है

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