History Mystery Person Pythagoras: वैसे तो दुनियां में अनेक रहस्यमय व्यक्ति हुए है! कितुं इसमे मैं एक नाम का जिक्र करुगा और वह है पाइथागोरस! उम्मीद है आप ने स्कूल के दिनों में पाइथागोरस प्रमेय जरूर पढ़ी होगी इसका जन्म ईसा से 6वी शताब्दी पूर्व हुआ!
History Mystery Person Pythagoras –
वह पहला पाश्चात्य दार्शनिक था जिसने दर्शन को गणित से जोड़ा और खुद को “ फिलॉसफर” कहा!
पाइथागोरस जीवन के अधिकतर समय दुसरे देशो में घूमता रहा!
पाइथागोरस ने अपना एक स्कूल खोला था और एक नया धर्म शुरू किया उसके धर्म को मानने वालों को “ पाइथागोरियन” कहते है! इसके स्कूल में आने वालों लोगो को 2 भागो में बाँट रखा पहले भाग को “ लिस्नर्स” दोसरे को “ लर्ननर” व मैथ मैटिकोई बोलता था! कुछ गोपनीय ज्ञान सिर्फ लर्ननर लोगो को दी जाती है!
पाइथागोरस की एकेडमी में महिलाओ को आने की छूट थी
पाइथागोरस ने अपनी एकेडमी के बाहर लिखा था “जिसको ज्योमिति नही आती वह इस संस्थान में ना आये” बाद में जब प्लूटों ने अपना स्कूल खोला तो उसने भी यही बात अपने स्कूल के गेट पर लिखी!
एकेडमी में आने वाले लोग “ दालों” व फलियों वाली चीजें नही खाते थे! वो शाखाहार को वरीयता देते थे उनका मत था दालों में जीवन है! जबकि तात्कालिक यूनान के समाज मे शाखाहार जैसी चीज नही थी!
पाइथागोरस बोलता था कि उसे अपने 3 पूर्वजन्म याद है! और वह पूर्व जन्म में विश्वास करता था जबकि सेमिटिक धर्मो( ईसाई, जीयूस, मुस्लिम) में पुनर्जन्म का कोई विचार नही यह विचार विशुद्ध रूप से हिंदू धर्म मे पाया जाता था उस काल मे, और आज भी!
खामोशी का विचार – इसके अनुसार अगर आप किसी बात को नही जानते तो खामोशी ही बेहतर है!
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पाईथागोरस ने कहा था कि गणित के नियम ही ब्रह्मांड के नियम है!
पाईथागोरस हर चीज को अंकों के रूप में देखता था! वह बीमारियों को भी अंको के रूप में ही जनता था! जैसे आज कल अपने बुखार को अंको में, शुगर स्तर को, रक्त चाप को आदि को अंको के रूप में ही व्यक्त करते है! लगभग सारी बीमारियों की एक गणितीय भाषा विकसित हो चुकी है! कितुं पाईथागोरस ने यह विचार 6 वी शताब्दी ईसा पूर्व ही कर लिया था!
जिस पाईथागोरस की प्रमेय के नाम पर आप इसको जानते है दरसल इसकी खोज इसने नही की थी! पाईथागोरस के स्कूल में यह प्रयोग की जाती थी कितुं भारत मे यह पहले से प्रयोग हो रही थी जिसको “ बौधायन प्रमेय” बोलते थे! चूँकि पाईथागोरस के स्कूल और धर्म की अधिकतर बाटे हिंदू धर्म से प्रभावित थी! अतः उसके भारत आने की जो बातें कही जाती है! वह काफी मजबूत तर्क बन जाती है! और यह प्रमेय भी उसने भारत से सीखी! चूँकि यूरोप ने यह प्रमेय पाईथागोरस के स्कूल वालो से जानी इस लिए उसने इसका नाम यही रख दिया!
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आप ने जो भी गिटार, वॉयलिन या स्ट्रिंग संगीत वाद्य यंत्र आज देखे है उसकी शुरुआत पाईथागोरस ने की थी!
पाईथागोरस ने दुनिया की पहली सीक्रेट सोसायटी बनाई! उसका लोगो मे त्रिभुज का चिन्ह रखा आज भी सभी सीक्रेट सोसाइटी अपने लोगो मे त्रिभुज रखती है!
पाईथागोरस कैसे मरा यह भी एक रहस्य है कुछ मत है कि वह आग से जलने से मरा!
उसके गायब होने के बाद उसके स्कूल को खत्म कर दिया गया उसके चेलों को भी मार डाला गया!
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