Lucknow electricity village 70 years: लखनऊ से महज 100 KM दूर हरदोई जिले के गांव गोठवा ने इस साल जैसी Eid मनाई है, वैसी पहले कभी नहीं मनाई थी. इस साल पहली बार Eid की रात गांव के घर रोशनी से जगमगा रहे थे.
पहली बार गांव के बच्चों ने बल्ब चमकते देखा. पहली बार बुजुर्गों को तपती गर्मी के बीच पंखे की हवा नसीब हुई. आजादी के 70 साल बाद इस गांव में Bijli पहुंची तो बच्चों से लेकर बड़ों तक के चेहरे खुशी से चमक गए.
Lucknow electricity village 70 years
इसके लिए हम लोगों ने काफी प्रयास किया है
गांव के रहने वाले किसान Mohammad Nafis बताते हैं कि हमारे गांव में Bijli 70 साल बाद आई है. इसके लिए हम लोगों ने काफी प्रयास किया है. हम लोग DM, SDM के पास भी गए. जो MLA हैं उनके पास भी गए.
सबके पास जा जाकर हम लोग थक गए, लेकिन हमारे गांव Bijli नहीं आ पाई. लेकिन जब यहां Director SK Singh जी आए उनके द्वारा Lite का उद्घाटन हुआ.
गोठवा तक बिजली के खंभों को लाने के लिए मुहिम छेड़ दी
गोठवा को Bijli के Bulb से रोशन करने के लिए इमरान ने कई सालों तक संघर्ष किया. गांव के लोगों को साथ लिया और फिर गोठवा तक Bijli के खंभों को लाने के लिए मुहिम छेड़ दी.
आखिरकार मेहनत रंग लाई और आज गांव में Bijli के खंभे भी हैं और घरों में Bijli का connection भी है. इस गांव से उठी आवाज को सुन खुद नीति आयोग के निदेशक एस के सिंह ने खुद गांव का दौरा किया था.
वो डॉक्टर एस के सिंह साहब की देन है
गांव में Bijli आने से खुश किसान नाजिम अली ने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है. पहले तो लगता था कि हम लोग भारत के नक्शे में है ही नहीं. अब तो बहुत खुशी है. यहां पर जो ये Bijli जल रही है वो doctor S K Singh साहब की देन है.
वर्ना यहां कोई नहीं सुनता था. कई बार हम लोग Bijli power house हरदोई, SDM साहब, DM साहब के यहां गए लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की. पचासों Application गईं लेकिन सब दब गईं.
बरसात होती है तो बहुत कीचड़ हो जाता है
गांव में Bijli आने के बाद से अब गोठवा के लोगों की उम्मीदें सातवें आसमान पर हैं. मोहम्मद आरिफ (किसान, गोठवा गांव) ने बताया कि यही उम्मीद लगा रहे हैं कि जैसे Bijli आई है वैसे ही सड़कें भी बन जाए.
बरसात होती है तो बहुत कीचड़ हो जाता है. इतना कीचड़ हो जाता है कि निकलना मुश्किल हो जाता है. उनसे यही उम्मीद है, यहां के जो कार्यकर्ता हैं, प्रधान हैं वो तो ये सोचते हैं कि कुछ हो ना इस गांव में. लेकिन मोदी जी हैं तो शायद हमें उम्मीद है कि इस गांव की तरफ थोड़ा ध्यान देंगे.
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