Afghanistan 1970: महिलाएं 70’s में पहनती थीं मिनी स्कर्ट, जो आज पहनती है बुर्खे, देखिए बदलते दौर का सच ! अगर हम बात करें कि 1970 के दौरान देश में महिलाओं का पहनावा आज से कितना अलग हुआ करता था तो इसके कई उदाहरण देखने को मिल जाएंगे।
जैसे उस समय में महिलाएं साड़ी, सलवार-कुर्ती, Shirt-T-shirt के साथ बेलबॉटम टाइप के कपड़े पहना करती थीं। आज महिलाएं शार्ट ड्रेसेस से लेकर टाइट Jeans तक आ गई हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हम आधुनिक हो गए हैं।
Afghanistan 1970-
मगर अफगानिस्तान की स्थिति ऐसी नहीं है। आज अफगानी महिलाएं बुर्के में ही नजर आती हैं। मानो उनके पास कोई अधिकार ही नहीं है। अब यदि आपको लगता है कि यहां महिलाओं की स्थिति हमेशा ऐसी ही थी तो आप बिल्कुल गलत हैं।
1950-60 और 70 के दौरान अफगानी महिलाएं भी विदेशी महिलाओं के समान आधुनिक हुआ करती थीं। उन्हें हर काम को करने की आजादी थी। तभी तो उस दौर की Photos आज भी चर्चा का विषय बन जाती हैं। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ऐसी ही कुछ तस्वीरें। एक झलक आप भी देखिए।
Civil War के बाद बिगड़ी स्थिति
आज अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक छाया हुआ है। यह सिलसिला 1994 से जारी है। वहां आतंक का आलम यह है कि डर के कारण महिलाएं खुद को बुर्के में रखने को मजबूर हैं। हालांकि ऐसा कोई सरकारी Rules नहीं है।
शिक्षा के भी खस्ता हाल
90’s के दौर में तो अफगानिस्तान में लड़कियों का School तक जाना भी मुश्किल हो गया था। साल 2002 के बाद जरूर कुछ सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं ने इस ओर कदम बढ़ाए हैं। अब बच्चियों को स्कूल लाने की कोशिश जारी है मगर डर तो अभी भी बना हुआ है।
ये कैसी आजादी (Freedom)?
2001 तक तो तालिबान का इतना आतंक था कि महिलाएं घर से बाहर भी नहीं निकल सकती थीं। 2002 की इस photo में सन्नाटे में भी एक अलग खौफ नजर आ रहा है।
हमले आज भी जारी
हालांकि आज वहां पर शासन किसी आतंकी समूह का नहीं है, बावजूद इसके राजधानी काबुल (Kabul, Capital) में आए दिन हमले होते रहते हैं।
ये तो हुई आज की बात मगर 70 के दशक में ऐसा नहीं हुआ करता था। देखिए उस दौर की तस्वीरें।
कोई एडिटिंग नहीं
ऐसा नहीं है कि किसी पश्चिमी देश की मौजूदा तस्वीर को Black एंड White कर दिया गया है। 1972 में काबुल में युवतियां इसी तरह Mini स्कर्ट पहनकर घूमने जाया करती थीं।
ये था अफगानिस्तान
यह 1978 का काबुल है। विश्वास करना मुश्किल है मगर ये short स्कर्ट और High हील्स पहनी युवतियां काबुल की ही हैं।
कोई खौफ नहीं
1955 की इस photo में महिला, फ्रंटियर पर पुरुषों के बीच खड़े होकर बड़ी आसानी से तस्वीर ले रही है। आज की तारीख में तो ऐसा सोचना भी नामुमकिन है।
मेंटेन करती थी खुद को
उस दौर में 2 बच्चों की मां बन चुकी महिलाएं भी खुद को बेहतर ढंग से मेंटेन रखती थीं। उनका अंदाज भी आधुनिक था।
आँखों में चमक
यह अफगानी लड़की एक पारम्परिक परिधान पहनकर तस्वीर खिंचवा रही है। उसके चेहरे और आंखों में आजादी की चमक साफ नजर आ रही है।
सपने देखना था मंजूर
यह 1981 के समय में काबुल के एक Polytechnic Institute की तस्वीर है। उस वक्त महिलाएं-पुरुषों के साथ मिलकर कम्प्यूटिंग टेक्नोलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स भी पढ़ सकती थीं।
खेलता बचपन
सिर्फ महिलाओं की ही नहीं बल्कि बच्चों की जिंदगी भी खुशनुमा हुआ करती थीं। आज तो उनके पास इस तरह का बेसिक एजुकेशन पाने की भी आजादी नहीं है।
सड़कों पर रौनक
स्कूल से घर तक जाने के रास्ते की मस्ती तो आपको आज भी याद ही होगी। कुछ अफगानी महिलाओं के मन में भी वो यादें हैं। लेकिन आज की बच्चियां तो ऐसी कोई याद नहीं बना रही हैं।
काम के अवसर
आज तो लगभग सभी मुस्लिम देशों में हायर एजुकेशन तो महिलाओं के लिए सिर्फ एक सपना है। मगर 1970’s में अफगानी महिलाएं कई बड़े काम कर रही थीं।
सशक्त थीं महिलाएं
जब महिलाएं सशक्त होती हैं तो उनके चेहरे पर एक अलग ही नूर नजर आता है। इन महिलाओं के चेहरों पर भी ऐसा ही कुछ नूर नजर आ रहा है।
होता था गर्व
ये 1950 की बात है। तब महिलाएं खुशी और गर्व के साथ Army का हिस्सा बनती थीं।
फैशन सेंस था गजब
आज से 40-50 साल पहले अफगानी महिलाओं का Fashion sense भी बहुत तगड़ा हुआ करता था। तस्वीरों में देखिए इसकी झलक।
फैशन डिजाइनिंग का ट्रेंड
1960’s में फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी काम हुआ। 1969 में Safia Tarzi नाम की एक काबुल बेस्ड fashion designer को वोग मैगज़ीन ने बहुत सराहा था।
पार्टीज का चलन
यह तस्वीर भी यही दिखाती है कि महिलाओं और पुरुषों को समान ही समझा जाता था। उस दौर में लोग ज्यादा Active थे।
70 के दशक के Afghanistan को देख चुके लोग आज भी अपने उस सुनहरे दौर को याद करते हैं।
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