‘मुंहबोली मां’ को भगा ले गया! 8 साल से डाकुओं के साथ रहा ये लड़का..

mouthpiece took away mother: खूंखार डकैत निर्भय गुर्जर ने 14 साल की उम्र में उस लड़के का अपहरण कर लिया था। मां-बाप फिरौती देने की हालत में नहीं तो करते क्या उसे उसके हाल में छोड़ दिया। आठ साल तक यह लड़का डाकुओं के गैंग में रहा उन्हीं के बीच रह कर जवान हुआ। उसको डाकू बता पुलिस ने दर्जनों मुकदमे दर्ज भी किए लेकिन अदालत ने उसे डाकू माना ही नहीं। इसलिए एक के बाद एक करके सभी मुकदमों से उसको बरी कर दिया। अब यह लड़का अपने परिवार के बीच आम इंसान की तरह जिंदगी गुजारेगा.

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भंगोलपुरी नई दिल्ली का बुरा समय उस समय शुरू हुआ था

खूंखार डकैत निर्भय गुर्जर द्वारा फिरौती के लिए अपहृत श्याम जाटव आठ वर्ष तक गिरोह में रहने व 14 वर्ष तक कानूनी प्रक्रिया के चलते जेल में बंद रहने के बाद अब सभी मामलों से बरी होकर खुली हवा में अपने बिछुडे़ मां-बाप के साथ जीवन यापन कर सकेगा। यह आजादी श्याम जाटव को 10 मई 2018 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश औरैया के समक्ष चल रहे अंतिम केस में बरी हो जाने के बाद मिली।

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करीब 36 वर्षीय श्याम जाटव उर्फ श्यामा उर्फ श्याम सिंह पूर्व पता पी-27 भंगोलपुरी नई दिल्ली का बुरा समय उस समय शुरू हुआ था जब 14 मार्च 1996 को उसकी पकड़ दस्यु निर्भय सिंह गुर्जर गिरोह ने फिरौती के लिए की.

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मो. सगीर कुरैशी व हिना कौसर का कहना

वह आठ वर्ष तक गैंग के खात्मे तक निर्भय के संरक्षण में बीहड़ में रहा। इस दौरान उस पर कानपुर, उरई, इटावा, औरैया, भिंड मध्य प्रदेश जिले के करीब 36 मुकदमे लग गए। दो नवंबर 2004 को श्याम जाटव ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर जान तो बचा ली। लेकिन खुली हवा में सांस लेने के लिए उसे 14 साल जेल में रहकर कानूनी प्रक्रिया से जूझना पड़ा। उसके अधिवक्ता फरहत अली खां, भूकेश मिश्रा, मो. सगीर कुरैशी व हिना कौसर का कहना है कि उसके मां बाप की पैरवी के कारण श्याम सभी 36 मुकदमों से बरी हुआ.

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निर्भय गैंग ने पकड़ विद्याराम दुबे की गोली मारकर हत्या कर दी

थाना अयाना में एक हत्या के मामले में उसे 10 मई 2018 को एडीजे लल्लू सिंह की कोर्ट से बरी कर दिया। इस मामले की कहानी कुछ इस तरह है कि पुलिस ने 14 अप्रैल 2004 को थाना अयाना क्षेत्र के सिहोली गांव के बीहड़ में दस्यु निर्भय सिंह गुर्जर को घेरकर फायरिंग की। अपने को घिरा देखकर निर्भय गैंग ने पकड़ विद्याराम दुबे की गोली मारकर हत्या कर दी और भाग गया।

इस मामले में श्याम जाटव के अलावा नीलम गुप्ता, निर्भय सिंह गुर्जर, लाठीवाला व सरला जाटव को भी नामजद किया गया। श्याम जाटव की पत्रावली अलग कर मुकदमे का विचारण हुआ.

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मामले में आजीवन कारवास भी हो चुकी है

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लिखा पढ़ी में जेल में बंद गैंग में उसके साथ रही सरला जाटव उसकी पत्नी है। क्योंकि निर्भय गुर्जर ने बीहड़ में श्याम जाटव की शादी सरला जाटव के साथ कर दी थी। लेकिन उसका बाहर आना बहुत कठिन दिखाई देता है। उसे एक मामले में आजीवन कारवास भी हो चुकी है। वरिष्ठ अधिवक्ता महावीर शर्मा ने बताया कि सभी केसों से बरी श्याम जाटव अपने मां-बाप के पास राजस्थान में रह रहा है। कई फिल्म निर्माता उसकी जीवन शैली के आधार पर उसे रोल देने का प्रयास कर रहे हैं.

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