70 और 80 के दशक में बॉलीवुड के टॉप एक्टर रहे बॉलीवुड अभिनेता राजेश खन्ना की आज 10वीं पुण्यतिथि है। 18 जुलाई 2012 को उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में कई यादगार फिल्में की हैं। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी फिल्मों और शानदार काम की वजह से हमेशा जिंदा रहेंगे। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम बताएंगे कि उन्हें मेगा स्टार का टैग कैसे मिला। आज हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा अनसुना किस्सा बताने जा रहे हैं, जो शायद आपने नहीं सुना होगा.
इन फिल्मों से मिली पहचान
आपको बता दें कि राजेश खन्ना 70 के दशक के एक बेजोड़ अभिनेता थे। हर निर्देशक उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहता था। उस दौर में उन्होंने 15 सोलो सुपरहिट फिल्में देकर बॉलीवुड में तहलका मचा दिया था। उन्होंने 1969 से 1972 तक कई सुपरहिट फिल्में दी, जिनमें ‘आराधना’, ‘इत्तेफाक’, ‘दो रास्ते’, ‘बंधन’, ‘डोली’, ‘सफर’, ‘खामोशी’, ‘कटी पतंग’, ‘आन मिलो सजना’, ‘ट्रेन’, ‘आनंद’, ‘सच्चा झूठा’, ‘दुश्मन’, ‘महबूब की मेहंदी’ और ‘हाथी मेरे साथी’ मुख्य रूप से शामिल हैं।
जब अमिताभ बच्चन को कहा जाता था मनहूस
साठ के दशक में राजेश खन्ना लीड एक्टर थे, उन्हें मात देना किसी के बस की बात नहीं थी, लेकिन जब अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड में एंट्री की तो राजेश को कॉम्पिटीशन मिलने लगा। राजेश को यह बात अच्छी नहीं लगी। राजेश खन्ना को यह बात रास नहीं आई कि एक्टिंग की दुनिया में उनसे आगे कोई हो। इसी वजह से एक बार उन्होंने अमिताभ को सबके सामने ‘मनहूस’ कह दिया था।
राजेश खन्ना की ये बात जया को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई। इस बात का जिक्र फिल्म पत्रकार अली पीटर जॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में किया था। जॉन के मुताबिक जया राजेश को जवाब देना चाहती थीं और उन्होंने ऐसा कर दिया. जया राजेश खन्ना के पास से गुज़री और ताना मारते हुए कहा कि एक दिन दुनिया देखेगी कि वह कितना बड़ा सितारा है। बाद में जया की बात सही साबित हुई। दुनिया ने यह भी देखा कि कैसे अमिताभ स्टार से सुपरस्टार बनते गए और राजेश खन्ना का करियर डाउनहिल हो गया।