हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को दुनिया भर में बॉलीवुड के नाम से जाना जाता है, दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने का रिकॉर्ड भी इसी इंडस्ट्री के नाम हैं। आपको तो पता ही होगा, एक फ़िल्म को बनने में कई लोगों के मेहनत और अरबों रुपए लगाए जाते है, और इसी फिल्म के सफल होने के बाद उस फिल्म के एक्ट्रेस और एक्टर करोड़ो रुपए कमाते हैं। जैसा की हम जानते है कि इन सितारों की कमाई इनकी फिल्मों और ब्रैंड एंडोर्समेंट से ही होती हैं। तो हम ये अंदाजा लगा सकते है कि इन स्टार्स की कुल संपत्ति कितनी होगी। पर अपको बता दे फिल्म इंडस्ट्री में कुछ ऐसे भी एक्टर्स है, जो खानदानी अमीर हैं।
इनमें सबसे पहला नाम सैफ अली ख़ान का आता हैं। नवाब खानदान से ताल्लुक रखने वाले सैफ अली ख़ान बॉलीवुड की दुनिया के रईसों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो इस एक्टर के पास हरियाणा स्थित पटौदी पैलेस और भोपाल स्थित पैतृक प्रॉपर्टी है, जिसको मिला कर उनकी सम्पत्ति 5000 करोड़ की हो जाती हैं। पर मगर इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी सम्पत्ति के मालिक होने के बाद भी सैफ इसे अपने बच्चों को नहीं दे सकते है, चालिए जानते है इससे रिलेटेड पुरी बात।
अपको बता दें, सैफ ने कभी खुल कर इस बारे में बात नहीं की है, पर आपकी जानकारी के लिए बता दें, सैफ की जितनी भी पैतृक सम्पत्ति है वो भारत सरकार के एनिमी डिस्प्यूट एक्ट के अंतर्गत आती है, इस कारण वह अपनी संपति अपने बच्चों को नहीं दे सकते।
इस एक्ट के अंर्तगत उस प्रॉपर्टी को कोई भी इंसान अपना नहीं बता सकता है, और इस पर खुद का क्लेम भी नहीं कर सकता हैं। अगर कोई इस पर विरोध जताता है, तो उसे हाई कोर्ट की मदद लेनी होगी, उसके बाद उस शख्स को सुप्रीम कोर्ट तक का भी दरवाजा खटखटाना पड़ सकता हैं। अगर इन दोनों जगह कुछ नहीं हो पाया तो सिर्फ देश के राष्ट्रपति ही कुछ कर सकते हैं।
इन सभी के बीच सबसे बड़ा मसला यह है कि, सैफ अली खान के प्रॉपर्टी की कोई वसीयत नहीं बनाई गई हैं। सैफ अली खान के परदादा जिनका नाम हामिदुल्लाह खान था, वे ब्रिटिश काल में नवाब थे। उस वक्त उनके परिवार के बीच काफ़ी परेशानी और मनमुटाव चल रही थी, यही नही एक रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उस समय प्रॉपर्टी से जुड़ी बातों को लेकर पाकिस्तान में सैफ के ग्रैंड आंट की फैमिली से उनके परिवार की कुछ अनबन और परेशानी हो रही थी और इस कारण प्रॉपर्टी की कोई वसीयत नहीं बनाई गई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, Enemy Dispute Act, 1968 जो 1965 के इंडो-पाकिस्तान वॉर के समय पारित हुआ था, इसके अधिनियम के तहत, भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों के स्वामित्व वाली संपत्ति को नियंत्रण करता है, और आपको बता दें, इस अधिनियम को साल 2016 में ही सत्यापन किया गया था। इस कारण सम्पत्ति के मालिक इसे हस्तांतरित भी नहीं कर सकते हैं। हाल ही में यह बिल 10 मार्च 2017 और 14 मार्च 2017 को राज्य सभा और लोक सभा द्वारा पारित किया गया था।