जैसा की हम सभी जानते है अभी शादियों का सीजन चल रहा है और ऊपर से इस बार कोरोना भी नहीं है। ऐसे में हर जगह शादी की शहनाईयां बज रही हैं। हम सब अक्सर सुनाते रहते है कि दहेज के कारण वर पक्ष के मुकर जाने से शादियां टूट जाती है। लेकिन गोपालगंज के बरौली में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। आइए जानते हैं क्या है मामला…
बता दें कि थाना क्षेत्र के सरेयां नरेंद्र पंचायत में बीते रविवार की शाम शादी के जश्न में सभी शामिल थे। रस्मों-रिवाजों के साथ दूल्हा मंडप में पहुंच चुका था, लेकिन मंडप में दुल्हन को देखते ही दूल्हे की अंतरआत्मा ने उसे झकझोर कर रख दिया था और वह लोगों के सामने सब कुछ सच सच बताने लगा। जी हां उसकी बातों को लोग सुनते गए और धीरे-धीरे बाराती वापिस चले गए। बता दे दूल्हे को सच बताना इतना महंगा पड़ा कि दुल्हन के परिजनों ने सबको बंधक बना लिया था।
दरअसल, मंडप में आए दूल्हे ने कहा कि वह पहले से शादीशुदा है और उसके घरवाले जबरदस्ती उसकी शादी कर रहे हैं। यह बात कहकर शादी से उसने मना कर दिया और परिजनों ने फ़ौरन दूल्हे के पिता को बुलाया और दोनों बाप-बेटे को एक कमरे में बंद कर दिये गए।
ऐसे माहौल में महिलाओं ने गीत गाना बंद कर दिया था और बैंड बाजा वालों ने साउंड सिस्टम भी बंद कर दिया था। फिर बाराती और बैंड बाजा वाले वापिस जाने लगे। फिर ग्रामीणों ने मिलकर कुछ बरातियों को पकड़कर रख लिया और सबको रात भर बंधक बनाकर रखा था।
ग्रामीणों का कहना कि दूल्हे ने सच बताने का किया साहस…
ग्रामीणों का कहना है कि सरेयां नरेंद्र के एक गांव में सिवान जिले के गोरेयाकोठी थाना क्षेत्र के दुधड़ा गांव से पूरी बारात आई थी। बहुत पहले से दोनों पक्षों द्वारा शादी की तैयारियां हो रही थी। वहीं तैयारियों में कोई कमी नहीं थी। जिसके बाद दुधड़ा गांव के भोला साह ने भी अपने बेटे विनोद गुप्ता की बारात में कुछ भी कमी नहीं रखी थी।
शादी के लिए जब दूल्हे विनोद को मंडप में बुलाया गया और पंडित ने शादी के लिए वधु को बुलाकर रस्म शुरूआत की तब विनोद ने सच बताया और कहा कि वह पहले ही एक शादी कर चुका है। उसके घरवाले जबरदस्ती वाक्उसकी शादी कर रहे हैं।
पंचायत ने लगाया वर पक्ष पर 7.75 लाख का जुर्माना…
सोमवार की सुबह यह बात पूरे गाव में फैल चुकी थी। सुबह क्षेत्र के कुछ लोगों ने मामले को संभाला और पंचायत की बैठक बुलाई गयी। पंचायत में पंचों ने दोनों पक्षों की बातों को सुना फिर पक्ष पर करीब 7.75 लाख का दंड लगाया। जिसे वर पक्ष ने देना स्वीकार किया गया और तब जाकर मामला शांत हुआ। वहीं दोनों पक्ष ने एक-दूसरे के सारे उपहार भी वापिस कर दिये।