बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया था जिसके चलते उन्होंने साल 1947 में मिली हुई आजादी को भीख में मिली हुई आजादी बताया था और यह भी कहा था कि असली आजादी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद 2014 में मिली है! हालांकि इस बयान को दिए हुए काफी समय हो चुका है लेकिन उसके बावजूद भी यह बयान अभी तक सुर्खियों में छाया हुआ है!
अब इसी बयान को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं दरअसल अभिनेत्री के खिलाफ इस बयान को लेकर उत्तर प्रदेश में मुकदमा दायर हो गया है वहीं उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अधिवक्ता विकास तिवारी ने एसीजेएम तृतीय की अदालत में अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ देश द्रोह का मामला दायर किया है और इस मुकदमे की सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की गई है!
बता दें कि विकास तिवारी ने अदालत में अधिवक्ता अवधेश तिवारी एवं अवनी चतुर्वेदी के माध्यम से अभिनेत्री के खिलाफ मुकदमा दायर किया है उन्होंने अभिनेत्री के खिलाफ आ रोप लगाया है कि 11 नवंबर 2021 को सुबह 9:00 बजे परिवादी ने विभिन्न समाचार पत्रों और चैनलों तथा सोशल मीडिया पर देखा सुना एवं पढ़ा कि कंगना रनौत ने 1947 में मिली आजादी को भीख बताया है और यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा है कि भारत देश को असली आजादी 2014 में मिली है!
वही ऐसे में अधिवक्ता ने आ रोप लगाया है कि अभिनेत्री ने ऐसा वक्तव्य देकर आजादी के लिए कुर्बा नियों देने वालों को अप मानित किया है! वहीं अभिनेत्री ने समाज में उत्तेजना और उन्माद को बढ़ावा दिया है! उन्होंने ऐसा बयान दिया है कि जिससे देश की एकता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और देश गृह युद्ध की तरफ जाए! वही इसके अलावा उन्होंने 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए भी अप शब्द कहकर देश के अंदर अरा जकता का माहौल पैदा करने का प्रयास किया है! बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के इस वक्तव्य से परिवादी एवं गवाहों की भावनाएं आहत हुई हैं आरोपित को दंडित करने के लिए अदालत से मांग की गई है!