दोस्तों आप सभी भगवान् शिव जी के परिवार से परिचित होंगे आप सभी जानते है की भगवान् शिव जी के परिवार में कौन कौन था उनकी पत्नी पार्वती जी और उनके पुत्र गणेश और कार्तिके लेकिन आप लोगो में से बहुत काम लोगो ने ही शिव जी की बहिन के बार में सुना होगा और बहुत से लोग तो हैरान हो जाएंगे की शिव जी की कोई बहन भी थी।
भगवान् षिक जी को दया रुपी कहा जाता है बचपन से ही हम सभी ने सिर्फ शंकर जी और त्रिदेवो के बारे में ही जाना है और उनके पत्नी और पुत्र के बारे में ही किन्तु उनके परिवार के बारे में कोई नहीं जनता है माता-पिता ना भाई-बहन के बारे में आज हम आपको महादेव की बहन के बारे में बताने जा रहे है जो शिवपुराण में दर्ज है महादेव के भक्त पुरे संसार में है जो शिव जी के बारे में हर एक बात को जानने के लिए उत्सुक है आज हम उन्ही बातो में से एक बात आपके समक्ष रखना चाहते है आप भी जाने क्या है भगवान् शिव शंकर जी की बहिन की कहानी।
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ये बात उस समय की है जब माँ पार्वती जी की और भगवन शिव जी का विवाह हुआ था और माँ पार्वती जी अपने आप को घर में अकेला सा महसूस करती थी और सोचती थी की काश मेरी भी कोई ननद होती जिसके साथ में दिनभर बाते करती और कार्यो को करती। भगवान् शिव जी तो अजन्मे थे उनका कोई नहीं था इसीलिए वो माँ पार्वती जी के मन की बात को जान गाये थे लेकिन सीधा न बोलते हुए उन्होंने पार्वती जी से पूछा क्या बात है आप कुछ विचलित सी नज़र आ रही है कोई समस्या या कोई बात।
तब माता पार्वती जी ने कहा की काश मेरी भी कोई नन्द होती मेरा मन लगा रहता उसके साथ। भगवान शिव ने कहा की ठीक है मैं तुम्हे यदि नन्द लाके देता हूँ तो क्या तुम्हारी उसके साथ बनेगी ? पार्वती जी ने कहा जी हाँ क्यों नहीं बनेगी आखिर वो मेरी नन्द है तभी शंकर जी ने अपनी शक्ति से एक देवी को उत्पन्न कर दिया और कहा पार्वती ये आपकी नन्द है इनका नाम असावरी है।
निचे दी गयी वीडियो में आप आगे की पूरी कहानी देखे…