देश का पहला पायलट लाइसेंस किसी और को नहीं बल्कि जेआरडी टाटा को मिला था और उनको यह लाइसेंस आज ही के दिन 10 फरवरी 1929 को दिया गया था. बता दें कि जेआरडी टाटा नहीं देश में पहली बार कमर्शियल विमान सेवा की शुरुआत की और उसका नाम टाटा एयरलाइंस रखा था, टाटा एयरलाइंस ही 1946 में एयर इंडिया बन गई थी. दिलचस्प बात बता दें कि 15 अक्टूबर 1932 को जेआरडी टाटा ने कराची से मुंबई के लिए उड़ान भरी थी और कुछ वक्त के लिए उनका विवाद अहमदाबाद में रुका था. अहमदाबाद में 4 गैलन पेट्रोल को बैलगाड़ी पर लादकर लाया गया था और उस छोटे से अभिमान में भर दिया गया था. उनके इस उड़ान के दौरान हवाई जहाज में कोई यात्री नहीं थे बल्कि चिट्ठियां भरी हुई थी और उनका वजन तकरीबन 27 किलो था.
Do you know about the connection between India’s first pilot’s licence and the first flight of Air India? The story goes back to #TDTY in 1929. pic.twitter.com/uIPljFCNx4
— Tata Group (@TataCompanies) February 10, 2022
बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब विमान सेवाएं बहाल हो गई तो 1946 में टाटा एस पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई थी और उसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया था. जब एयर इंडिया ने अपना 30 वर्ष पूरा किया था तब 1962 में जेआरडी टाटा ने दोबारा से रांची से मुंबई के लिए उड़ान भरी थी और उन्होंने खुद हवाई जहाज चलाया था और उनके जहाज का नाम लेपर्ड मौथ था. बता दें कि आजादी के बाद वर्ष 1947 में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49% की भागीदारी ले ली थी.
बताते चलें कि जेआरडी टाटा की जीवनी बियोंड द लास्ट ब्लू माउंटेन आरएम लाला ने लिखा है कि लंदन टाइम्स के 1 अंक में आगा खान के तरफ से एक विज्ञापन आया था कि अगर कोई भारतीय इंग्लैंड से भारत या भारत से इंग्लैंड अकेले विमान से यात्रा कर लेगा तो उसे इनाम के तौर पर 500 पॉन्ड दिए जाएंगे और इस चुनौती को स्वीकार किया था जेआरडी टाटा नहीं और उन्हें पराजित करने वाले थे असपी इंजीनियर और बाद में उन्हें भारत का वायुसेना प्रमुख बनाया गया था.