अब स्मार्टफोन की कैमरे से कर पाएंगे कोविड टेस्ट, जल्द आ रही दिलचस्प टेक्नोलॉजी

कोविड-19 के चलते हम सभी अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए हैं। इसने न सिर्फ हमारी निजी जिंदगी बल्कि हमारी प्रोफेशनल लाइफ को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। लोग इतने डरे हुए हैं कि अगर खांसी-जुकाम भी होता है तो भी कोविड टेस्ट करना पहुंच जाते हैं। जाहं सरकारी लैब में यह टेस्ट फ्री में किया जा रहा है वहीं, प्राइवेट लैब इसके लिए मोटी रकम ले रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने घरवालों का यह टेस्ट कराना चाहे तो उसे काफी पैसा चुकाना पड़ेगा। हालांकि, इसके समाधान पर भी काम चल रहा है।

कोविड -19 महामारी (covid-19 pandemic) ने हमारे हेल्थ सर्विस के बेसिक स्ट्रक्चर पर काफी असर डाला है, जिसमें लैब्स शामिल हैं जो कोरोना इन्फेक्शन के लिए हर दिन हजारों लोगों का टेस्ट करते हैं। इनमें से ज्यादातर लैब्स या यहां तक ​​​​कि सेल्फ टेस्ट किट में रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) या आरटी-पीसीआर (RT-PCR) शामिल है, जो बहुत सारे परिवारों की पहुंच से बाहर हैं. खासकर कम एज ग्रुप में।लेकिन अब, रिसर्चर कोविड -19 के लिए एक नई टेस्ट टेक्नोलॉजी डेवलप कर रहे हैं जो हर किसी के लिए, यहां तक ​​​​कि कम आय वाले ग्रुप्स में भी अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके कोविड -19 इन्फेक्शन के लिए टेस्ट को मुमकिन बनाएगी।

इस नई टेस्टिंग तकनीक को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता बारबरा के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया है और इसे शुरू में $100 से कम के उपकरण की आवश्यकता है। CNET ने बताया कि एक बार सभी उपकरण लग जाने के बाद, हर टेस्ट की लागत केवल $7 (लगभग 525 रुपये) होती है।

टेस्ट किट को इंस्टॉल करने के लिए उपयोगकर्ताओं को साधारण उपकरण जैसे हॉट प्लेट, रिएक्टिव सॉल्यूशन और उनके स्मार्टफोन की जरूरत होती है। इसके अलावा यूजर को अपने स्मार्टफोन पर बैक्टिकाउंट (Bacticount) नाम ऐप डाउनलोड करना होगा, जिसे शोधकर्ताओं द्वारा फ्री में उपलब्ध कराया जा रहा है। यह ऐप फोन के कैमरे द्वारा कैप्चर किए गए डेटा का विश्लेषण करेगा और उपयोगकर्ता को सूचित करेगा कि उनका कोविड -19 टेस्ट निगेटिव है या पॉजिटिव है।

जामा नेटवर्क ओपन पर पब्लिश पेपर के मुताबिक, यूजर्स को अपनी लार (saliva) को गरम प्लेट पर रखी एक टेस्ट किट में रखना होगा. इसके बाद यूजर्स को रिएक्टिव सॉल्यूशन डालना होगा जिसके बाद लिक्विड का रंग बदल जाएगा. ऐप, लार में वायरल लोड की मात्रा का अनुमान इस आधार पर लगाएगा कि तरल का रंग कितनी जल्दी बदलता है.

स्मार्ट-लैंप (लूप-मेडियेटेड इजोटेर्मल एम्प्लीफिकेशन) नामक टेक्नोलॉजी के बारे में दिलचस्प बात यह है कि यह कोविड -19 संक्रमण के सभी टाइप्स का पता लगा सकती है, जिनमें अल्फा, बी.1.1.7 (यूके वेरिएंट); गामा, पी.1 (ब्राजील वेरिएंट); डेल्टा, बी.1.617.2 (भारत वेरिएंट); एप्सिलॉन, बी.1.429 (CAL20C) और Iota, B.1.526 (न्यूयॉर्क वेरिएंट) शामिल हैं।

रिसर्चर्च ने इस तकनीक का इस्तेमाल 50 रोगियों पर किया है। इसमें 20 सिम्प्टोमैटिक और 30 असिम्प्टोमैटिक रोगियों को शामिल किया गाय है। सिर्फ यही नहीं, सैमसंग गैलेक्सी S9 स्मार्टफोन के लिए इस तकनीक को कैलिब्रेट भी किया गया है। फिलहाल इस पर और भी काम चल रहा है ऐसे में यह कहा नहीं जा सकता है कि इसे कब बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा।

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