If the Modi government had accepted my suggestions: पिछले 9 महीने से दिल्ली की सीमा पर कृषि का विरोध में किसान संगठित होकर आंदोलन कर रहे . इस आंदोलन को खत्म करने को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है. लेकिन इसका कोई ठोस हल नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में लिखा कि,’8 महीने मैंने जो तीन सुझाव दिए थे उससे अगर दिल में शामिल कर लिया जाए तो किसान और सरकार के बीच डेट लॉक टूट सकता है और आंदोलन खत्म हो सकता है. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि तीनों कानून राज्यों में लागू हो जो इसके लिए लिखित रूप दे दे.’
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें अपने सुझाव में उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का कार्यान्वयन और राज्यों तक ही सीमित हो जो इसे स्वीकार करने के लिए तैयार हो. इन कानूनों को पूरे देश पर जरूरी नहीं बनाया जाए. साथ ही साथ उन्होंने लिखा था कि जो राज्य कृषि कानूनों में बदलाव चाहते हैं वह अपने सुधार केंद्र को लिखित में दे दे और इसके बाद उन राज्यों में इस कानून को लागू किया जाए.
इस पत्र में बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने दूसरा सुझाव के रूप में कहा था कि कृषि कानूनों का विरोध करने वालों को बताना चाहिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के लिए हर राज्य पात्र होगा. उन्होंने दूसरे सुझाव में कहा था कि अनाजों की खरीदारी को वहीं तक सीमित किया जाए जहां पर कृषि व्यापार के अलावा दूसरा कोई और वाणिज्य कर विभाग से व्यावसायिक हित ना हो.
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी भाजपा के ऐसे कद्दावर नेता है जो अक्सर भाजपा की बुराई करने से खुद को पीछे नहीं रखते. वह अक्सर प्रधानमंत्री को सुझाव देते रहते हैं कई बार वो ट्वीट के माध्यम से तो कई बार पत्र के माध्यम से मोदी सरकार को उनके कार्य करने के तरीके के बारे में बताते रहते हैं.